Jharkhand News: झारखंड के धनबाद (Dhanbad) जिले में मंगलवार को मुथूट फिनकॉर्प (Muthoot Fincorp) में डकैती की कोशिश कर रहे बदमाशों में से एक बदमाश पुलिस मुठभेड़ (Police Encounter) में मारा गया. उसकी मौत की जानकारी मिलने के बाद उसकी मां ने कहा है कि मेरे बेटे को उसके कर्मों की सजा मिली. डकैत को गोली मारना बिलकुल उचित है, लेकिन जब मेरे बेटे को मार दिया तो उसके चार अन्य साथियों को पुलिस ने क्यों बख्शा, पुलिस को उन्हें भी गोली मारनी चाहिए थी?


बता दें कि धनबाद जिले में मंगलवार को पुलिस ने सुबह के साढ़े दस बजे बैंक मोड़ इलाके में मुथूट फिनकॉर्प कंपनी में डकैती करने पहुंचे पांच बदमाशों को घेर लिया था. मुठभेड़ में एक बदमाश मारा गया था, जबकि दो अन्य को गिरफ्तार कर लिया गया था और दो अन्य मौके से भागने में सफल रहे थे.


मारे गए डकैत की मां बोली


मारे गये डकैत शुभम सिंह की मां ने पोस्टमार्टम हाउस (Postmortem House) पर पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हमारा बेटा डकैत था तो पुलिस ने उसे गोली मारकर उसके किये की सजा दी, जिस पर मुझे एतराज नहीं है, लेकिन उसके चार अन्य डकैत साथियों का क्या पुलिस थाने में बैठाकर अचार डालेगी?’’


मारे गए डकैत की मां ने कहा कि उसके बेटे के शव को उसे या उसके पति एवं भाई-बहनों को आज दोपहर तक पुलिस ने देखने तक नहीं दिया. पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद ही उसके बेटे का शव उन लोगों को दिया. शुभम सिंह के पिता विश्वजीत सिंह निजी कंपनी में कार चालक का काम करते हैं. पुलिस ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने शुभम के इस अपराध में शामिल होने से इनकार किया था, लेकिन उन्हें उसका शव दिखाने के बाद ही उन्होंने घटना पर विश्वास किया.


शुभम की मां ने बताया कि उसका बेटा पढ़ने के लिए पूना गया था और वहीं से गलत संगत में पड़ गया था, जिसकी वजह से वह गलत रास्ते पर चल पड़ा था. उसे उसके किए की सजा मिली है, लेकिन उसके दोस्तों को उनके किए की सजा क्यों नहीं मिली है. 


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