झारखंड में NIA का बड़ा एक्शन, CPI (माओवादी) के कार्यकर्ताओं के ठिकाने पर रेड, जानें क्या-क्या मिला?
NIA Raid in Jharkhand: एनआईए की टीमों ने आठ जगहों पर संदिग्धों और ओवरग्राउंड वर्कर्स के ठिकानों पर तलाशी ली है. टीम ने यहां से कई लैपटॉप, मोबाइल फोन और मेमोरी कार्ड जैसे डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं.
NIA Raid in Jharkhand: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) आतंकवादी संगठन के कार्यकर्ताओं की ओर से फरवरी 2024 में सुरक्षाबलों पर किए गए हमले के मामले में शनिवार (4 जनवरी, 2025) को झारखंड के बोकारो जिले के कई स्थानों पर तलाशी ली.
एनआईए की टीमों ने आठ जगहों पर संदिग्धों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओडब्ल्यूजी) के परिसरों की तलाशी ली. एनआईए ने यहां से लैपटॉप, मोबाइल फोन और मेमोरी कार्ड जैसे डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ सिम कार्ड, पॉकेट डायरी और आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए. एनआईए की जांच के मुताबिक, जिन संदिग्धों/ओजीडब्ल्यू के परिसरों की तलाशी ली गई है, वे सीपीआई (माओवादी) के सदस्यों से जुड़े थे और रसद सहायता प्रदान करने और लेवी (LEVY) के पैसे वसूलने में मदद करते थे.
सुरक्षाबलों पर किया था हमला
मामला एनआईए-आरएनसी सीपीआई (माओवादी) के नेताओं और कैडरों की गैरकानूनी गतिविधियों, संगठन की ओर से पीएस चतरो-चट्टी, बोकारो के वन क्षेत्र में सुरक्षाबलों पर किए गए हमले से संबंधित है. घटना के दिन प्रतिबंधित संगठन के कमांडरों ने अपराध करने, युवाओं की भर्ती करने और लेवी वसूलने और सुरक्षाबलों पर हमला करने की साजिश रचने के लिए 15-20 नक्सली कैडरों के साथ वन क्षेत्र (सुंदरी पहाड़ी) में डेरा डाला था.
घने जंगलों से भाग निकले थे आतंकी
झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ की एक टीम ने इनपुट मिलने पर तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके दौरान नक्सलियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी थी. सुरक्षाबलों ने जवाबी गोलीबारी की थी, लेकिन घने जंगल और झाड़ियों का फायदा उठाकर नक्सली भागने में सफल रहे थे.
हालांकि, तलाशी अभियान के दौरान स्थानीय पुलिस को डिजिटल डिवाइस, नक्सल लिट्रेचर और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई, जिसने आईपीसी, आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, सीएलए अधिनियम और यूए(पी) अधिनियम की अलग अलग धाराओं के तहत प्रारंभिक मामला दर्ज किया. एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली और जून 2024 में मामला फिर से दर्ज किया. एजेंसी अपनी जांच जारी रखे हुए है.