Jharkhand Political Situation: वैसे तो लोकसभा चुनाव को लेकर पूरे देश में राजनीतिक घमासान तेज है, लेकिन सबसे दिलचस्प कहानी झारखंड की है. यहां जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सातवां समन दिए जाने के बावजूद सोरेन पूछताछ के लिए उपलब्ध नहीं हुए हैं तो उनकी गिरफ्तारी की अटकलें तेज हैं.
इस बीच सूबे में मुख्यमंत्री बदले जाने की भी चर्चा तेज हो गई है. सवाल है कि अगर हेमंत सोरेन गिरफ्तार होते हैं तो अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? इसे लेकर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के साथ ही बीजेपी भी माथापच्ची कर रही है.
हेमंत की पत्नी होंगी मुख्यमंत्री या लगेगा राष्ट्रपति शासन?
झारखंड के हालात को लेकर बुधवार को जेएमए ने रांची में घंटों तक बैठक कर रणनीति बनाई थी. दावा किया गया कि इस बैठक में खास तौर पर इस बात पर चर्चा की गई कि अगर सीएम हेमंत सोरेन गिरफ्तार होते हैं तो क्या पत्नी कल्पना को सीएम बनाएंगे? बैठक के बाद झामुमो के विधायक वैद्यनाथ राम ने इस बात के बड़े संकेत दिए. जब उनसे कल्पना के संभावित सीएम बनने के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि क्यों नहीं बन सकतीं?
इधर दावा किया जा रहा है कि राज्य में खराब कानून व्यवस्था का हवाला देकर बीजेपी राष्ट्रपति शासन के लिए भी सियासी पिच तैयार कर रही है.
इस्तीफा देने वाले विधायक सरफराज अहमद ने कहा - कोई क्राइसिस हुई तो...
सीएम बदलने की चर्चा तब शुरू हुई जब गांडेय के जेएमएम विधायक सऱफराज अहमद ने इस्तीफा दिया. हालांकि सरफराज पूरे पत्ते नहीं खोल रहे हैं. उन्होंने खुलकर नहीं बताया कि किस वजह से इस्तीफा दिया है. उन्होंने केवल इतना कहा कि पार्टी की जरूरत है इसलिए मैंने इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि खुदा ना खस्ता अगर कोई क्राइसिस होती है तो उनकी सीट का इस्तेमाल होगा. उनसे पूछा गया कि क्या आपकी सीट से मुख्यमंत्री की पत्नी चुनाव लड़ेंगी? तब उन्होंने कहा कि यह पार्टी तय करेगी.
क्या कहना है बीजेपी का
इधर सरफराज अहमद के इस्तीफा पर बीजेपी हमलावर हो गई है. बीजेपी विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमर बाउरी ने कहा कि पत्नी को सीएम बनाने और परिवारवाद को बढ़ावा देने के लिए हेमंत सोरेन ने सरफराज को बलि का बकरा बनाया है.
हेमंत अगर जेल गए तो मौजूद हैं तीन विकल्प
इस बीच गुरुवार को रांची में बीजेपी पदाधिकारियों की बैठक हुई और उसमें मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई. हेमंत सोरेन के जेल जाने की सूरत में फिलहाल तीन विकल्प दिख रहे हैं.
पहला तो ये कि हेमंत किसी भरोसेमंद विधायक को सीएम बनाएं. दूसरा ये कि पत्नी कल्पना सोरेन को प्रदेश की बागडोर सौंपें. तीसरा ये कि संवैधानिक संकंट की स्थिति बताकर राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दें.
राष्ट्रपति शासन के भी संकेत दे रहें बीजेपी नेता
पहली और दूसरी कोशिश हेमंत सोरेन कर सकते हैं तो तीसरी कोशिश में बीजेपी के नेता लगे हुए हैं. इसके संकेत देते हुए झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में खराब कानून व्यवस्था का हवाला दिया और कहा कि यहां राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.
फिलहाल राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु में हैं और 8 जनवरी को लौटने की उम्मीद है. तमिलनाडु जाने से पहले वो राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाकर बड़े संकेत दे चुके हैं.