Jharkhand Politics: क्या मैडम बनने वाली हैं झारखंड की चीफ मिनिस्टर? ये सवाल सिर्फ झारखंड और दिल्ली के सियासी गलियारे में ही नहीं बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. झारखंड के मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय ने सातवां नोटिस भेज दिया है. सातवें नोटिस के बाद झारखंड की राजनीति 360 डिग्री पर चेंज होती हुई दिख रही है. हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किए जाने की भी चर्चाएं तेज होने लगी हैं. 


गिरफ्तारी की आशंका के बीच हेमंत सोरेन ऐसी फील्डिंग सजा रहे हैं कि अगर पत्नी को सीएम की कुर्सी सौंपनी पड़े तो कहीं कोई अड़चन ना आए. इस्तीफे दिलवाए जा रहे हैं. सेफ सीट खाली कराई जा रही है और झारखंड की इस पूरी सियासी उठापटक में जो नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में है वो है कल्पना सोरेन का. वहीं, झारखंड में सियासी उथलपुथल के बीच आज हेमंत सोरेन ने बुलाई विधायक दल की बैठक भी बुला ली है.


जमीन घोटाले में गिरफ्तारी का डर


हेमंत सोरेन की जगह झारखंड की सीएम कल्पना सोरेन के बनने की चर्चा करीब एक साल पहले से ही हो रही है, लेकिन 24 घंटे के भीतर झारखंड की राजनीति में जिस तरह के फेरबदल हुए हैं, उसके बाद तो हड़कंप मचा हुआ है. दरअसल झारखंड सरकार पर एक बार फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं. हेमंत सोरेन पर जमीन घोटाला और अवैध खनन के आरोपों की तलवार लटक रही है. 3 जनवरी को हेमंत सोरेन ने विधायक दल की बैठक बुलाई है चर्चा बहुत तेज है कि इस बैठक में कल्पना सोरेन का नाम आगे किया जा सकता है. 


क्यों कल्पना को सीएम बनाने की तेज हुई चर्चा?


अब समझिए कि अचानक सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना को झारखंड का मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा इतनी तेज क्यों हो गई है. इसकी दो वजहे हैं- पहली- हेमंत सोरेन को मिला ईडी का सातवां नोटिस. दूसरी वजह- झारखंड के गांडेय विधानसभा सीट से विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा. दरअसल ईडी के सात नोटिस भेजे जाने के बाद भी सीएम हेमंत सोरेन पेश नहीं हुए और इसीलिए अब चर्चा तेज है कि प्रवर्तन निदेशालय हेमंत सोरेन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकता है.


अब आइए दूसरी वजह पर, जैसे ही जेएमएम के विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दिया उसे फौरन स्पीकर ने मंजूर कर लिया. सरफराज अहमद के इस्तीफे को हेमंत सोरेन की कल्पना के लिए सजाई जा रही फील्डिंग का हिस्सा माना जा रहा है. सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना को चुनाव लड़ने के लिए सेफ सीट की जरूरत होगी. गांडेय वो सीट है जहां से जेएमएम लगातार चार बार जीत दर्ज कर चुकी है. अगर ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया तो कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री बन सकती हैं और सरफराज की खाली कराई गई गांडेय ​विधानसभा की सीट से चुनाव लड़ सकती हैं.


मतलब ये कि हेमंत सोरेन सेफ सीट से अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाकर विधायक बना देंगे और सोरेन सरकार आराम से चलती रहेगी. यहां गौर करने वाली बात ये है कि आनन फानन में हेमंत सोरेन ने पत्नी के लिए विधानसभा सीट साल के आखिरी दिन ही खाली करा दी क्योंकि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 151 के तहत ऐसी व्यवस्था है कि विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम रहने पर खाली हुई सीट पर उपचुनाव नहीं होगा. 


क्या है झारखंड के सियासी हालात?


झारखंड विधानसभा का गठन 5 जनवरी 2020 को हुआ था. विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2025 को पूरा हो रहा है. 6 जनवरी के बाद हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई बड़ा कदम उठाया जाता है, तो यहां उपचुनाव नहीं हो सकता था. ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाना ही एक रास्ता था. इस खतरे से बचने के लिए हेमंत सोरेन साल 2023 के आखिरी दिन यानि 31 दिसंबर को सीट खाली कराने का दांव चला है.लोगों के मन में सवाल है कि अगर कल्पना सोरेन के हाथ में झारखंड की सत्ता आती है तो क्या वो एक कामयाब सीएम साबित हो पाएंगी? या फिर सिर्फ डमी सीएम बनकर रह जाएंगी.


कौन हैं कल्पना सोरेन? 


48 साल की कल्पना सोरेन को अक्सर अलग-अलग कार्यक्रमों में इस तरह के मोटिवेशनल स्पीच देते हुए देखा गया है. आदिवासी समाज के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हुए देखा गया है. कल्पना सोरेन भाषण भी देती हैं. महिलाओं के विकास और उन्हे बराबरी का हक मिलने के मुद्दे पर बेबाकी से अपनी राय भी रखती हैं. झारखंड ने कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री की पत्नी के तौर पर, एक पढ़ी लिखी महिला के तौर पर और संजीदा तरीके से अपनी बात रखने वाली नारी के तौर पर कई बार देखा है.


हालांकि, कल्पना सोरेन सीधे तौर पर कभी राजनीति का हिस्सा नहीं रही हैं. ऐसे में अगर वो सीधे सीएम बनाई जाती हैं तो क्या होगा ये सवाल हर किसी के जहन में कौंध रहा है. कल्पना सोरेन के रिश्ता ओडिशा से है. कल्पना ओडिशा के मयूरभंज की रहने वाली हैं. हेमंत सोरेन और कल्पना की शादी करीब 17 साल पहले 2006 में हुई थी. हेमंत और कल्पना के दो बच्चे हैं. कल्पना रांची में अपना प्ले स्कूल चलाती हैं.


लेकिन विरोधी आरोप लगाते हैं कल्पना सोरेन के नाम का इस्तेमाल हेमंत परिवार की कई कंपनियों और बिजनेस के लिए करते हैं. हेमंत सोरेन पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपनी पत्नी के मालिकाना हक वाली कंपनी को गलत तरीके से जमीन का आवंटन किया था.


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