नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी जब 2014 में सत्ता में आई तो एक के बाद एक कई चुनावों में जीत दर्ज की. एक वक्त उत्तर से दक्षिण तक और पूरव से पश्चिम तक कमल खिला हुआ दिख रहा था. बीजेपी हमेशा कहती रही कि उसका लक्ष्य कांग्रेस मुक्त भारत का है. काफी हद तक वह सफल होते हुए दिख रही थी लेकिन पिछले सात चुनावों की बात करें तो तस्वीर बिल्कुल बदली हुई है.


भारतीय जनता पार्टी पिछले छह विधानसभाओं के चुनाव में से केवल एक में सरकार बनाने में सफल रही है. वह छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्यप्रदेश, और महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना पाई. वहीं अब झारखंड में भी बीजेपी सरकार बनाने में असफल दिख रही है. इस तरह बहुत कम वक्त में बीजेपी चार राज्यों में सत्ता पाने में असफल रही है. वहीं झारखंड को जोड़ दें तो यह संख्या पांच हो जाती है.


दरअसल, बीजेपी का विजयरथ 2018 तब रुकना शुरू हुआ जब कर्नाटक में कांग्रेस गठबंधन ने सरकार बना ली. हालांकि ये सरकार ज़्यादा दिन नहीं चली और कुछ वक़्त बाद बीजेपी ने फिर से राज्य में सरकार बना ली. लेकिन इसके बाद छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान में उसे एक के बाद एक हार मिली.


वहीं इस साल तीन राज्यों में चुनाव हुए. इस साल महाराष्ट्र, हरियाणा और अब झारखंड में चुनाव हुआ है. महाराष्ट्र में तो बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर ऊभरी लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद के चलते सहयोगी शिवसेना उससे अलग हो गई और राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार बनी. वहीं हरियाणा में बीजेपी सरकार बनाने में कामयाब तो हुई लेकिन इसके लिए उसे जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का समर्थन लेना पड़ा.


अब झारखंड में भी चुनाव में उसे शिकस्त मिली है. बीजेपी को राज्य में कुल 31 सीट मिलती हुई दिखाई दे रही है. जबकि कांग्रेस+ को 39 और जेवीएम, आजसू को 3-3 सीट मिलती दिख रही है. अन्य को चार सीट मिली.