नई दिल्लीः रांची जिले में आने वाली तमाड़ सीट पर इसबार के विधानसभा चुनाव में एक अजीब या यूं कहें अपनी तरह का पहला मुकाबला होने जा रहा है, दरअसल इस सीट से पूर्व विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या हो गई थी, आरोप है कि हत्या के लिए पैसा देने और लेने वाला और उस सुपारी से मरने वाले का बेटा एक दूसरे के खिलाफ इसी सीट से चुनावी मैदान में हैं.


मधु कोड़ा सरकार में मंत्री रहे रमेश सिंह मुंडा की हत्या की सुपारी देने का आरोप राजा पीटर पर है. सुपारी लेने के आरोप पूर्व नक्सली कुंदन पाहन पर है जिसपर अभी 100 से अधिक मामले दर्ज हैं. इस सुपारी से जिस मंत्री की हत्या हुई रमेश सिंह मुंडा, का बेटा विकास सिंह मुंडा इस विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक हैं.


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विकास मुंडा जेएमएमएम के टिकट पर, राजा पीटर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कुंदन पाहन निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं. नामांकन के आखिरी दिन सभी ने अपना नामांकन दाखिल किया और इस सीट पर 7 दिसंबर को चुनाव है. कुंदन पाहन पहले झारखंड पार्टी (झापा) के उम्मीदवार घोषित किए गए थे. लेकिन नामांकन से ठीक एक दिन पहले पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी वापस ले ली. तब 19 नवंबर को निर्दलीय नामांकन दाखिल किया गया.


2009 में जब मधु कोड़ा की सरकार गिरी उसके बाद शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने लेकिन उस वक्त वह झारखंड विधानसभा के सदस्य नहीं थे और सदस्य बनने के लिए तमाड़ से चुनाव लड़ा उस समय जदयू के टिकट से राजा पीटर मुख्यमंत्री के सामने थे, उसी समय बीजेपी के समर्थन से राजा पीटर ने मौजूदा मुख्यमंत्री को चुनाव हरा दिया. कहते हैं कि राजा पीटर पहले अपराध की दुनिया में अपनी मर्ज़ी से नहीं बल्कि खुद को बचाने के लिए कूदे थे हालांकि ये सिर्फ लोगों का कहना है इसको लेकर हम कोई दावा नहीं कर रहे हैं.


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रमेश सिंह मुंडा तमाड़ इलाके में मजबूत पकड़ वाले नेता माने जाते थे और ये बात राजा पीटर को अखर रही थी. साल 2009 में एक स्कूल में नक्सलियों ने रमेश सिंह की हत्या कर दी थी, बाद में इस हत्या का आरोप नक्सली कुंदन पाहन के सर पर आया.


बात अगर विकास मुंडा की करें तो 2014 में आजसू ने टिकट दिया और चुनाव जीत गए. चर्चा थी कि बीजेपी में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे लेकिन बात नहीं बनने पर इस बार आजसू छोड़ जेएमएम के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं.