Rakesh Jhunjhunwala Death: अपने जीवन को पूरी तरह से जीते थे झुनझुनवाला, करीबी दोस्त सुहेल सेठ ने खोले उनके जीवन के राज
Rakesh Jhunjhunwala: करीबी दोस्त रहे व्यवसायी और स्तंभकार सुहेल सेठ ने दिवंगत राकेश झुनझुनवाला के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्होंने कहा कि झुनझुनवाला ने अपना पूरा जीवन जीया है.
Businessman Suhail Seth said: भारतीय व्यवसायी और स्तंभकार सुहेल सेठ ने दिवंगत राकेश झुनझुनवाला के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं. उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल एक महान स्टॉक ब्रोकर खो दिया है. जो बाजार को समझता है, बल्कि देश ने ऐसे किसी को खो दिया है. जो भारत और भारतीयता पर विश्वास करता है. झुनझुनवाला ने रुपये कमाने के लिए नहीं, बल्कि विकास के लिए कंपनियों में निवेश किया. दिग्गज शेयर बाजार निवेशक और भारत की नवीनतम एयरलाइन अकासा एयर के मालिक राकेश झुनझुनवाला का 62 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. झुनझुनवाला को अक्सर भारत का वारेन बफे कहा जाता है. पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत ठीक नहीं चल रही थी. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. अकासा एयर ने इसी महीने की शुरुआत में ही भारतीय आसमान में उड़ान भरी थी.
रतन टाटा से मिलने की थी आकांक्षा
सुहेल सेठ ने पिछली यादों को ताजा करते हुए कहा कि झुनझुनवाला ने उन्हें बताया था कि उनकी एकमात्र आकांक्षा रतन टाटा से मिलने की थी. इस पर उनकी मुलाकात भी हुई. उनका बचपन जैसा उल्लास था. उन्हें ऐसा करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन सम्मान के लिए उन्होंने ऐसा किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात का किया जिक्र
सेठ ने कहा कि अक्टूबर 2021 में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे. उस रात वह डिनर के लिए घर आए थे. "झुनझुनवाला व्हीलचेयर पर थे. रात 8 बजे पहुंचे झुनझुनवाला दोपहर 2 बजे चले गए. वह जाने वाले आखिरी व्यक्ति थे. वहां मौजूद सभी लोगों ने कहा कि क्या आदमी है! धन के साथ बहुत से लोग होते हैं, लेकिन बहुत कम हैं जो विशेषज्ञता को सहानुभूति के साथ जोड़ते हैं. वह न केवल राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करते हैं. उनके दिल में भी तिरंगा था. उनका काम और उनकी यादें अब हमारे साथ रहेंगी."
स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए कहते थे सुहेल
सुहेल सेठ ने बताया कि डेढ़ साल पहले उन्होंने एयरलाइंस की बात की थी तो लगा कि अगर ये एयरलाइंस टियर 2 शहरों को जोड़ती हैं तो उन्हें जरूर सफलता मिलेगी. उनसे 10-12 दिन पहले बात की थी. उन्हें हमेशा अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए कहता था. लेकिन वह इस बात को सही ठहराते थे कि वह अपने जीवन का पूरा आनंद ले रहे हैं.
विश्वास का अनुबंध है जिंदगी
सुहेल सेठ ने राकेश की तरह बनने पर बल दा. उन्होंने कहा कि इस प्यारे खूबसूरत देश में विश्वास करते हैं. अगर आप देश में विश्वास नहीं कर सकते हैं तो आप किसी भी चीज पर विश्वास नहीं कर पाएंगे. विश्वास का अनुबंध है जिंदगी.
मुंबई में ही पले-बढ़े थे झुनझुनवाला
झुनझुनवाला का जन्म 5 जुलाई 1960 को हुआ था. वह मुंबई में पले-बढ़े. 1985 में सिडेनहैम कॉलेज से स्नातक करने के बाद, उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में दाखिला लिया. साथ ही रेखा झुनजुनवाला से शादी भी की. जो एक शेयर बाजार निवेशक भी हैं. झुनझुनवाला रेयर एंटरप्राइजेज नामक एक निजी स्वामित्व वाली स्टॉक ट्रेडिंग फर्म चलाते थे. बहुत से लोगों ने सवाल किया कि जब विमानन अच्छा नहीं कर रहा था तो उन्होंने एक एयरलाइन शुरू करने की योजना क्यों बनाई. जिस पर उन्होंने जवाब दिया कि "मैं कहता हूं कि मैं विफलता के लिए तैयार हूं." वह हमेशा भारत के शेयर बाजार के बारे में उत्साहित थे और उन्होंने जो भी स्टॉक खरीदा वह ज्यादातर मल्टीबैगर में बदल गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ट्वीट किया कर कहा था कि "राकेश झुनझुनवाला अदम्य थे. जीवन से भरपूर, मजाकिया और व्यावहारिक. उन्होंने वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान दिया. वह भारत की प्रगति के बारे में भी बहुत भावुक थे. उनका निधन दुखद है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना भी जताई.
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