Jimmy Carter: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के नाम पर है भारत का ये कार्टरपुरी विलेज, जानें क्यों पड़ा ये नाम
Carter Legacy: अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार थे. बता दें कि भारत के साथ भी उनके गहरे संबंध थे.
Jimmy Carter India Relations: अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का रविवार (29 दिसंबर) को 100 वर्ष की आयु में निधन हो गया. बताया जा रहा है कि वे काफी समय से बीमार थे और उनके निधन से दुनियाभर में शोक की लहर दौड़ गई. कार्टर का भारत के साथ भी गहरा संबंध रहा था. भारत में उनकी यात्रा आज भी याद की जाती है. कहा जाता है कि हरियाणा के एक गांव का नाम भी इनके ऊपर ही रखा गया है. इस गांव का नाम 'कार्टरपुरी' है. कार्टर सेंटर के अनुसार 1977 में भारत में आपातकाल के बाद और जनता पार्टी की जीत के बाद वह भारत यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे.
3 जनवरी 1978 को जिमी कार्टर और उनकी पत्नी रोसालिन कार्टर ने हरियाणा के दौलतपुर-नसीराबाद गांव का दौरा किया. इस यात्रा ने गांववासियों पर गहरी छाप छोड़ी और उन्होंने इस क्षेत्र का नाम 'कार्टरपुरी' रख दिया. इस यात्रा के बाद कार्टर के कार्यकाल में व्हाइट हाउस के साथ इस गांव के लोगों का संपर्क भी कायम रहा. जब 2002 में जिमी कार्टर को नोबेल शांति पुरस्कार मिला तो इस गांव में भी खुशी का माहौल था और पूरे गांववासियों ने मिलकर जश्न मनाया था.
जिमी कार्टर का मूंगफली किसान से राष्ट्रपति तक का सफर
जिमी कार्टर राजनीति में आने से पहले एक मूंगफली किसान थे और इसके अलावा उन्होंने अमेरिकी नौसेना में भी लेफ्टिनेंट के रूप में सेवा दी थी. उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत जॉर्जिया के गवर्नर के रूप में की और फिर 1977 से 1981 तक संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में काम किया. उनका जीवन बहुत ही प्रेरणादायक रहा और वे एकमात्र पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 100 साल की उम्र तक जीवित रहने का सम्मान हासिल किया.
जिमी कार्टर को 2002 में मिला था नोबेल शांति पुरस्कार
जिमी कार्टर भारत से व्यक्तिगत रूप से जुड़े हुए थे. उनकी मां लिलियन ने 1960 के दशक के अंत में पीस कॉर्प्स के तहत भारत में स्वास्थ्य स्वयंसेवक के रूप में काम किया था. कार्टर का राष्ट्रपति कार्यकाल 1977 से 1981 तक था और उनके नेतृत्व में अमेरिका ने मध्य-पूर्व क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक कदम उठाए थे. कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था, जो उनके वैश्विक शांति प्रयासों के लिए एक बड़ा सम्मान था.