नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत गुरुवार को भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि जब तक कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा और वे गाजीपुर बॉर्डर से नहीं हटेंगे. गौरतलब है कि प्रशासन ने किसानों को जगह खाली करने का अल्टीमेटम दे चुकी है. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक आज रात कोई कार्रवाई नहीं होगी.


इस बीच हरियाणा के किसानों ने चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया और जींद के कंडेला गांव में जाम लगा दिया. किसानों ने जींद-चंडीगढ़ रोड को जाम किया और दिल्ली के लिए कूच करने का फैसला किया. बता दें कि टिकरी बॉर्डर पर किसानों की संख्या कम हो गई है. हरियाणा के कुछ किसान टिकरी बॉर्डर से वापस लौट गए हैं. टिकरी बॉर्डर पर भी पुलिस बल की तैनाती है.


इसके साथ ही दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को पहुंचने से रोकने के लिए पुलिस-प्रशासन ने भारी बंदोस्त किए हुए हैं. भारी संख्या में पुलिस बल और आरएएफ की तैनाती की गई है. गाजीपुर बॉर्डर के आस पास के इलाकों को बैरिकेड्स से घेर दिया गया है.


उधर केंद्र ने किसानों के विरोध के मद्देनजर गाजियाबाद में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की 4 कंपनियों की तैनाती की अवधि 4 फरवरी तक बढ़ा दी है. उनकी तैनाती 28 जनवरी तक थी.

वहीं जो किसान गाजीपुर बॉर्डर से आस पास चले गए थे वे वापस देर रात गाजीपुर लौटे. गाजीपुर बॉर्डर वापस लौटे किसानों ने दावा किया कि शुक्रवार को हजारों की संख्या में यहां किसानों की भीड़ इकट्ठा होगी और आंदोलन जारी रहेगा. हालांकि, पुलिस प्रशासन की व्यवस्था को देखते हुए इसकी उम्मीद कम है.


बता दें कि यूपी के मुजफ्फरनगर में गुरुवार को किसानों की महापंचायत हुई. इस महापंचायत में किसानों ने फैसला लिया कि वे मुजफ्फरनगर से गाजीपुर की ओर कूच करेंगे. गुरुवार को हुई महापंचायत के बाद भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि शुक्रवार को सुबह 11 बजे फिर से किसानों की महापंचायत होगी.


गाजीपुर में किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत हुए भावुक, बोले- कानून वापसी तक घर नहीं जाऊंगा 


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