जानिए, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को जिसके पहले ग्रेजुएट ईश्वरी प्रसाद थे
भारतीय मुसलमानों में आधुनिक शिक्षा के सबसे बड़े पैरोकार और नेता सर सैयद अहम खान ने 1877 में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की, जो 1920 में सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनी, जिसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है.
अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने एएमयू प्रशासन से पूछा है कि यूनिवर्सिटी के एक हॉल में जिन्ना की तस्वीर क्यों है? इसके बाद कल एएमयू के छात्रों और हिंदुत्वादी संगठनों के बीच हिंसक झड़प हुई. ऐसे में ये भी जान लेते हैं कि अलीगढ़ का शिक्षा के क्षेत्र में क्या रुतबा रहा है.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से 130 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में गंगा और यमुना के दोआब में आबाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का शुमार देश के एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान में होता है. भारतीय मुसलमानों में आधुनिक शिक्षा के सबसे बड़े पैरोकार और नेता सर सैयद अहम खान ने 1877 में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना की, जो 1920 में सेंट्रल बनी, जिसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम से जाना जाता है.
दरअसल, अंग्रेजों के खिलाफ 1857 की नाकाम जंग-ए-आजादी ने सर सैयद अहमद खान को सबसे ज्यादा परेशान किया. सर सैयद ने उसी व़क्त समझ लिया कि अब मुसलमानों की तरक्की का राज़ आधुनिक शिक्षा में है और इसके लिए वो लगातार कोशिशें करते रहे. आधुनिक शिक्षा को समझने के लिए विलायत तक गए. करीब डेढ़ साल तक ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड में रहे और वहां की लाइब्रेरी की खाक छानी, उनकी तहजीब को समझा और 1872 में वतन लौटे तो मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की बुनियाद रखी.
4 फरवरी, 1884 को जालंधर की एक सभा में हिंदुस्तान को एक दुल्हन और उसकी खूबसूरत और रसीली आंखों को हिंदू और मुसलमान करार देने वाले सर सैयद ने अपने संस्थान के दरवाज़े सभी के लिए खोले. हिंदू-मुसलमान की पाबंदी नहीं लगाई और यही वजह है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पहला ग्रेजुएट भी हिंदू (ईश्वरी प्रसाद) ही हैं.
कितनी बड़ी है ? ग्रैंड ट्रंक रोड पर 1200 एकड़ जमीन पर फैले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 30 हज़ार से ज्यादा छात्र-छात्राएं हैं. यहां आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा के 300 से ज्यादा कोर्सेस हैं. इंजीनियरिंग, मेडिकल, लॉ और मीडिया जैसे कोर्सेस के लिए बेहतर संस्थान में शुमार अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 13 फैकल्टी हैं और कुल 108 डिपार्टमेंट हैं. खास बात ये है कि नर्सरी से पीएचडी तक का कोर्स कराने वाली इस के अंतरगर्त 7 कॉलेज और 10 स्कूल हैं. 2 पॉलेटेक्निक कॉलेज के साथ 18 सेंटर भी हैं. कुल 80 हॉस्टल हैं.
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सबसे अहम बात ये है कि इस के तीन ऑफ कैंपस भी हैं. केरल के मल्लापुरम, पश्चिम बंगाल के मुर्शीदाबाद और बिहार के किशनगंज में इस के ऑफ कैंपस हैं. जहां कई तरह के कोर्स कराए जाते हैं. इस वक़्त देश के सभी राज्यों समेत सार्क और कॉमनवेल्थ देशों के भी छात्र अध्यन कर रहे हैं.
प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिसटेंट प्रोफेसर और स्कूल टीचर समेत कुल 1400 टीचिंग स्टाफ और करीब 6000 नॉन टीचिंग स्टाफ यूनिवर्सिटी में हैं.
मदरसों को भी देती है मान्यता अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की एक खास बात ये है कि ये नेपाल सहित भारत को करीब 120 मदरसों और मदरसा बोर्ड को भी मान्यता देती है जहां के छात्र-छात्राएं बीए या एमएम के चुनिंदा कोर्सेस में दाखिला लेने के योग्य माने जाते हैं. बल्कि सच्चाई ये है कि उर्दू, हिंदू, इतिहास, इस्लामियात जैसे कोर्सेस में मदरसों से पढ़े छात्र-छात्राओं की संख्या अच्छी खासी होती है.
कौन-कौन बड़ी हस्तियां हैं एलुमनाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़े जाकिर हुसैन ने भारत के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति को सुशोभित किया तो हामिद अंसारी 10 साल तक उपराष्ट्रपति के पद पर रहे हैं. इस से पढ़े मंसूर अली बांग्लादेश के प्रधानमंत्री बने तो मोहम्मद अमीन दीदी मालदीव के राष्ट्रपति बने. जम्मू-कश्मीर के सीएम रहे शेख अब्दुल्लाह और दिल्ली के सीएम रहे साहिब सिंह वर्मा भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं. बॉलीवुड के दिग्गज नसीरुद्दीन शाह और जावेद अख्तर ने भी यहीं से पढ़ाई की है. हॉकी प्लेयर जफर इकबाल का संबंध अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी रहा है. ज्ञानपीठ सम्मान पाने वाले शायर शहरेयार भी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के चमन के ही बुलबुल रहे हैं. और अकेले पाकिस्तानी जिसे भारत रत्न से नवाज़ा गया है, सीमांत गांधी यानी खान अब्दुल गफ्फार खान भी अलीगढ़ मुस्लिम से ही पढ़े हैं.