Waseem Rizvi Gets Bail: हेट स्पीच मामले में आरोपी जितेंद्र नारायण त्यागी (Jitendra Tyagi) उर्फ वसीम रिज़वी को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जमानत दे दी है. कोर्ट ने साथ ही मीडिया में मामले को लेकर बयान न देने की शर्त रखी. इससे पहले कोर्ट ने त्यागी को स्वास्थ्य आधार पर 3 महीने की अंतरिम जमानत दी थी. यह अवधि पूरी होने के बाद 29 अगस्त को उन्हें सरेंडर कर वापस जेल जाने को कहा था. 


ये मामला पिछले साल दिसंबर में हरिद्वार में हुए आयोजित धर्म संसद में अभद्र भाषा से जुड़ा है. 29 अगस्त को न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्न की पीठ ने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार करते हुए त्यागी को पांच सितंबर से पहले आत्मसमर्पण करने को कहा था. इसके बाद उन्होंने 2 सितंबर हरिद्वार की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. हरिद्वार के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने उन्हें फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. आत्मसमर्पण करने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी थी. 


लड़ाई में अकेले होने की कही थी बात


जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा था कि सनातन धर्म स्वीकार करने के बाद वह लड़ाई में अकेले हो गए हैं, लेकिन उन्हें घर वापसी (सनातन धर्म अपनाने) का कोई मलाल नहीं है. त्यागी ने साथ ही उन्हें जान मारने की साजिश की बात भी कही थी. उन्होंने कहा था कि पहले भी ज्वालापुर के लोगों ने मुझे जेल में मारने की साजिश रची थी, लेकिन जेल प्रशासन की सख्ती के कारण वे साजिश को अंजाम नहीं दे सके. 


यूपी शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख रहे हैं


जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिज़वी (Waseem Rizvi) हिंदुत्व स्वीकार करने से पहले यूपी शिया वक्फ बोर्ड के प्रमुख थे. त्यागी को 13 जनवरी को भारतीय दंड संहिता की धारा-153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 298 (किसी भी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द बोलना) के तहत दर्ज एक मामले में 13 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. 


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