MP Congress New Chief Jitu Patwari: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में हार के बाद कांग्रेस ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है. पार्टी ने एमपी कांग्रेस अध्यक्ष पद से कमलनाथ को हटाकर ओबीसी नेता जीतू पटवारी को नया अध्यक्ष नियुक्त किया है. वहीं उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष और हेमंत कटारे को उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी है. इससे पहले गोविंद सिंह नेता प्रतिपक्ष थे.
पटवारी और उमंग दोनों ही कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के विरोधी खेमे के माने जाते हैं. मध्य प्रदेश चुनाव में हार के बाद से ही चर्चा थी की पार्टी बड़ा बदलाव करेगी.
छत्तीसगढ़ में चरण दास महंत बनाए गए नेता विपक्ष
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत को नेता विपक्ष बनाया है. दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया है. खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के आदिवासी सीएम कार्ड की काट में कांग्रेस ने नेता विपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष दोनों आदिवासी समाज से बनाए हैं.
कमलनाथ ने दी बधाई
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पार्टी की ओर से किए गए बदलावों पर प्रतिक्रिया देते हुए बधाई दी है. उन्होंने अपने आधिकारिक X हैंडल पर लिखा, ''श्री जीतू पटवारी को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष, श्री उमंग सिंघार को कांग्रेस विधायक दल का नेता एवं श्री हेमंत कटारे को उपनेता मनोनीत किए जाने पर हार्दिक शुभकामनाएं."
जीतू पटवारी को करना पड़ा था हार का सामना
बता दें कि जीतू पटवारी को मध्य प्रदेश की राउ विधानसभा सीट से हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें बीजेपी के मधु वर्मा ने 35 हजार से अधिक वोटों से मात दी थी. इस सीट से 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में पटवारी ने जीत दर्ज की थी.
मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से बीजेपी को 163 सीटों पर जीत मिली और पार्टी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया है. इस चुनाव में कांग्रेस मात्र 66 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी.
वहीं, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. यहां पांच साल तक सत्ता में रही पार्टी को 90 सीटों में से 35 सीटें मिली. वहीं बीजेपी ने 54 सीटों पर जीत दर्ज की. पार्टी ने विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाया है.
दोनों ही राज्यों में हार के बाद दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समीक्षा बैठक बुलाई थी. इस बैठक के बाद से ही संगठन में बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थी. सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में भी पार्टी इसी तरह का बदलाव कर सकती है. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के भीतर यह बदलाव अहम माना जा रहा है.
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