अयूब पंडित को भीड़ ने 22 जून को शहर के नौहट्टा इलाके में जामिया मस्जिद के बाहर पीट-पीटकर मारा डाला था. मुनीर खान ने बताया कि इस मामले में जांच चल रही है. उन्होंने बताा कि इस मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं: मुनीर खान
मुनीर खान ने कहा, ‘‘अभी तक 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और सज्जाद अहमद गिलकर नाम का आतंकवादी 12 जुलाई को बडगाम के रेडबुग इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मामले की जांच तेजी से चल रही है...कुछ और गिरफ्तारियां हो सकती हैं जिससे जांच पूरी होगी और मामले को कोर्ट में पेश किया जाएगा.’’ खान ने कहा कि पुलिस इस अपराध में शामिल बाकी हमलावरों की पहचान करने के लिए कोशिश कर रही है और अपराध से संबंधित सबूत जुटाए जा रहे हैं.
आम लोग भी मामले की जांच में मदद के लिए आगे आए: मुनीर खान
कश्मीर के आईजीपी ने कहा, ‘‘लोहे की छड़ जिससे अधिकारी को मारा गया, उनका पहचान पत्र, सर्विस रिवाल्वर और उनके सेल फोन को बरामद कर लिया गया है.’’ उन्होंने कहा कि यह ध्यान देने वाली बात है कि अहम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए लोग आगे आए जिससे जांच में मदद हुई. उन्होंने कहा, ‘‘दूसरे मामलों से इतर समाज के अलग-अलग तबकों ने इस घटना की निंदा की. आम लोग जांच में मदद करने और अहम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए खुद आगे आए. इससे हम सही दिशा में आगे बढ़े.’’ खान ने बताया कि शुरुआत में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया और उनसे पूछताछ की गई जिससे बाद में गिरफ्तारियां की गईं और सबूत बरामद किए गए.
अधिकारी की पीट-पीटकर हत्या करने के घटनाक्रमों को जोड़ते हुए खान ने कहा कि जांच के दौरान यह पता चला कि उपद्रवियों का एक समूह आतंकवादी जाकिर मूसा के समर्थन में और हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक के स्वागत के लिए नारे लगाते हुए मस्जिद से बाहर आया.
खान ने कहा, ‘‘चार उपद्रवियों ने मस्जिद से बाहर आते हुए डीएसपी को देखा...उन्हें बुलाया और उनसे पूछताछ करने लगे. उन्होंने उनसे पहचान पत्र मांगा जिसे दिखाने से उन्होंने इनकार कर दिया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘उपद्रवियों ने अधिकारी से हाथापाई करनी शुरू कर दी और कई उपद्रवी इकट्ठे हो गए. अधिकारी ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से कमर के नीचे कुछ गोलियां चलाईं जिससे तीन हमलावर घायल हो गए जो उनके एकदम नजदीक थे और उनसे हाथापाई कर रहे थे. हालांकि भीड़ उनकी पिटाई करती रही जिससे उनकी मौत हो गई.’’
कश्मीर के आईजीपी मुनीर खान ने आगे कहा कि मृतक अधिकारी की पहचान करने में वक्त लगा क्योंकि ‘‘उनके चेहरे और शरीर को विकृत कर दिया गया था.’’ खान ने इलाके में मौजूद पुलिस अधिकारियों की ओर से ड्यूटी में किसी तरह की लापरवाही बरते जाने के आरोप से इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लग रहा है कि मृतक अधिकारी ने संबंधित पुलिस थाने के अधिकारियों से संपर्क नहीं किया था.’’ यह पूछने पर कि क्या इस घटना में मीरवाइज के समर्थक शामिल हैं, इस पर खान ने कहा कि जांच चल रही है.
क्या मीरवाइज से पूछताछ की जाएगी?
यह पूछने पर कि क्या इस मामले के संबंध में मीरवाइज से पूछताछ की जाएगी, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘जिससे भी पूछताछ करने की जरुरत होगी उससे पूछताछ की जाएगी.’’ उन्होंने कहा कि मृतक अधिकारी वहां मस्जिद में नमाज पढ़ रहे मीरवाइज समेत हर व्यक्ति की सुरक्षा करने के लिए था.