नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की राजनीति में अचानक उथल पुथल मच गई है. कल विपक्षी पार्टियों (नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी) ने सरकार बनाने के दावे के साथ राज्यपाल को चिट्ठी लिखी. इस दावे के 41 मिनट के अंदर ही राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने का आदेश जारी कर दिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने राज्यपाल के फैसले को अलोकतांत्रिक बताया. अब इस पूरे मामले पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक की पहली प्रतिक्रिया आई है, राज्यपाल ने कहा है मैंने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया. मेरा फैसला जम्मू कश्मीर की जनता के पक्ष में है.


राज्यपालप सत्यपाल मलिक ने कहा, ''मैं प्रदेश में टूट-फूट से, खरीद-फरोख्त से या दवाब से कोई सरकार बनेगी मैं उसके पक्ष में नहीं हूं. मैं इसके बदले चाहूंगा कि चुनाव हो, चुनी हुई सरकार आए और वो प्रदेश को चलाए. पिछले 15 दिन से मुझे शिकायकतें आ रही थीं कि खरीद-फरोख्त हो रही है, विधायकों को डराया धमकाया जा रहा है. महबूबा जी से खुद मुझ से इस बात की शिकायत की थी कि मेरे विधायकों को डराया जा रहा है. दूसरे पक्ष के लोगों ने कहा था कि बड़े पैमाने पर रुपया बांटने की तैयारी चल रही है.''


राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा, ''ये सारी जीचें जानते हुए मैं ये नहीं कर सकता था कि किसी को सरकार बनाने का मौका दे दूं और फिर वो बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त हो और फिर प्रदेश अस्थिर हो जाए. कुछ ताकतें हैं जो लोकतंत्र नहीं चाहतीं. इन ताकतों को जब लगा कि चीजें हमारे हाथ से निकल रही हैं तो अपवित्र गठबंधन करके मेरे सामने आ गए. मैंने किसी के साथ पक्षपात नहीं किया, दूसरे पक्ष को भी नहीं सुना. मैंने जम्मू कश्मीर की जनता के पक्ष में काम किया है.''


जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग: जानें, गुलाम नबी, महबूबा, उमर और अखिलेश ने BJP पर हमला करते हुए क्या कुछ कहा


बीजेपी नेता का एनसी, कांग्रेस और पीडीपी पर हमला
बीजेपी नेता और जम्मू-कश्मीर के पार्टी प्रभारी राम माधव ने कहा कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस ने सीमापार से आए आदेश के अनुसार स्थानीय चुनाव का बहिष्कार किया. यह संभव है कि अब जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने के लिए सीमा पार से निर्देश मिला हो. हम किसी भी गलत कोशिशों को कामयाब नहीं होने देंगे.


उमर अब्दुल्ला ने राम माधव पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा, ''मैं आपको चुनौती देता हूं कि आप आरोपों को साबित करें. RAW, NIA और IB आपके कमांड (सीबीआई भी आपका तोता है) में है. इसलिए अगर हिम्मत है तो आप सबूत आम आदमी के सामने रखें. अगर यह आरोप साबित नहीं कर सकते हैं तो माफी मांगें.''


जम्मू कश्मीर: जानिए- वो कारण चार कारण जिसके आधार पर राज्यपाल ने सरकार बनाने से महबूबा का रास्ता रोका


महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को चिट्ठी में क्या लिखा?
महबूबा मुफ्ती ने कांग्रेस और नेशनल के समर्थन का दावा करते हुए चिट्ठी भेजी. महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को लिखा, ''आप जानते हैं कि 29 विधायकों के साथ पीडीपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है. आपको मीडिया के जरिए पता लगा होगा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस भी सरकार बनाने में हमारा समर्थन करने की इच्छा रखती हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के 15 और कांग्रेस के 12 विधायक हैं. सभी मिलकर हमारी संख्या 56 हो जाती है. मैं अभी श्रीनगर में हूं और मेरे लिए आपसे अभी मुलाकात संभव नहीं है. इस पत्र के जरिए हम आपको ये सूचित कर रहे हैं कि हम सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए जल्द ही आपसे मिलना चाहते हैं.''


जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने पर कांग्रेस बोली- राज्यपाल के फैसलों को कोर्ट में चुनौती दें महबूबा मुफ्ती

राज्यपाल ने अपने फैसले में गिनाए चार कारण
राज्यपाल ने अपने आदेश में विधानसभा भंग करने के पीछे चार प्रमुख कारण बताए हैं. पहला कारण, विरोधी राजनीतिक विचारधारा वाले दलों के गठबंधन से स्थाई सरकार बनने के आसार कम हैं. दूसरा कारण, सरकार बनाने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका है.


तीसरा कारण, खंडित जनादेश से स्थाई सरकार बनाना संभव नहीं है, ऐसी पार्टियों का साथ आना जिम्मेदार सरकार बनाने की बजाए सत्ता हासिल करने का प्रयास है. चौथा कारण, जम्मू कश्मीर की नाजुक सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर सुरक्षा बलों के लिए स्थाई और सहयोगात्मक माहौल की जरूरत है.


यहां देखें वीडियो