जम्मू-कश्मीर: फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ लगा PSA हटा, 7 महीने बाद हुई रिहाई
फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को 15 सितंबर से पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया था. फारूक अब्दुल्ला को आर्टिकल 370 हटने से एक दिन पहले चार अगस्त 2019 की रात को नजरबंद कर दिया गया था.
जम्मू: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए के खात्मे के बाद हिरासत में लिए गए पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला को रिहा कर दिया गया है. उन्हें जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था. उनके साथ ही उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में लिया गया था. रिहा होने पर अब्दुल्ला ने कहा, 'आज मैं आजाद हूं. मेरे पास बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं. फिलहाल, मैं किसी सियासी मुद्दे पर नहीं बोलूंगा जबतक सभी साथी रिहा नहीं हो जाते.'
नेशनल कॉन्फेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने रिहाई के बाद कहा कि ''मैं राज्य के लोगों और सभी नेताओं का आभारी हूं और साथ ही देश के उन सभी लोगों के प्रति कृतज्ञ हूं जिन्होंने हमारी आजादी के लिए आवाज़ उठाई. ये आजादी तभी पूरी होगी जब सभी नेता रिहा हो जाएंगे. मैं उम्मीद करता हूं कि भारत सरकार सभी को रिहा करने के लिए कदम उठाएगी.
बता दें कि फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला समेत नेशनल कॉन्फ्रेंस के कई नेताओं को आर्टिकल 370 हटने से एक दिन पहले चार अगस्त 2019 की रात को नजरबंद कर दिया गया था.#WATCH NC MP Farooq Abdullah released from detention, says," I'm grateful to people of the State&all leaders&people in the rest of the country who spoke for our freedom. This freedom will be complete when all leaders are released. I hope GoI will take action to release everyone". pic.twitter.com/zKS6EamydV
— ANI (@ANI) March 13, 2020
17 सितंबर से पीएसए के तहत हिरासत में थे फारूक
पार्टी ने बयान जारी कर कहा है, ''फारूक अब्दुल्ला को हिरासत से रिहा किया जाना जम्मू कश्मीर में वास्तविक राजनीतिक प्रक्रिया को बहाल करने की सही दिशा में लिया गया कदम है. फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को 17 सितंबर से पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में रखा गया था. उनकी हिरासत अवधि तीन-तीन महीने बढ़ाने के आदेश तीन बार जारी हुए थे. फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को अलग-अलग स्थानों पर हिरासत में रखा गया है.
सरकार ने किया था जल्द रिहा करने का इशारा
फारूक अब्दुल्ला समेत कई नेताओं की रिहाई का मामला संसद में उठ चुका है. कई विपक्षी दलों ने सरकार से नजरबंद चल रहे नेताओं की रिहाई की मांग की थी. हालांकि सरकार ने पिछले दिनों कह दिया था कि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत हिरासत में लिए गए तमाम नेताओं को रिहा किया जाएगा.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के दौरान फारूक को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया था. उनके गुपकार रोड स्थित घर में पिछले 7 महीने से वह नजरबंद हैं. जम्मू-कश्मीर के पहले ऐसे पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जिन पर इस कानून के तहत कार्रवाई की गई है.
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