नई दिल्ली: पीएम मोदी के साथ गुरुवार को जम्मू-कश्मीर की आठ राजनीतिक पार्टियों के 14 नेताओं के साथ लगभग साढ़े तीन घंटे तक सर्वदलीय बैठक चली. पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली पर जोर देते हुए नेताओं से कहा कि परिसीमन का काम खत्म होते ही पूर्ववर्ती राज्य में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. लंबे समय तक आतंकवाद और अस्थिरता के दौर से गुजरे जम्मू-कश्मीर के लिए प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वह इस पूर्ववर्ती राज्य से 'दिल्ली की दूरी' के साथ ही 'दिलों की दूरियों' को मिटाना चाहते हैं.


उमर अब्दुल्ला ने परिसीमन का विरोध किया
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने मुलाकात के बाद कहा कि अच्छा होता अगर 5 अगस्त 2019 से पहले बुलाई जाती. क्योंकि जो फैसले लिए गए वो चुने हुए नुमाइंदे की रजा से नहीं लिए गए. 5 अगस्त के फैसले के साथ हम नहीं है लेकिन उसके खिलाफ कानून हाथ में नहीं लेंगे. संविधान के राष्ट्र से अदालत के रास्ते अपनी बात रखेंगे. अच्छे माहौल में बात हुई. पीएम ने गौर से बात सुनी. हमने कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल हो. जम्मू-कश्मीर को अलग कर परिसीमन की कार्रवाई का सबने विरोध किया. गृह मंत्री साहब ने आश्वासन दिया कि राज्य का दर्जा और पूरे स्टेट कैडर कई बहाली हो. एक मुलाकात से न तो दिल की दूरी कम होगी और न दिल्ली से दूरी  होगी.


उमर अब्दुल्ला ने परिसीमन का विरोध किया. उन्होंने कहा, जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले. 5 अगस्त का जो फैसला हुआ वो उसका पूरा आईडिया ही यही था कि जम्मू कश्मीर को देश के साथ लाया जाए फिर फिर जम्मू कश्मीर में परिसीमन की बात करना इस विचार के ठीक उलट है. परिसीमन कमीशन में बैठक के लिए कोई दावत आती है तो हम उसपर जरूर गौर करेंगें.


महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान से बातचीत का उठाया मुद्दा
बैठक के बाद पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक अच्छी रही और उन्होंने पाकिस्तान के साथ अनौपचारिक वार्ता शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री की सराहना की. जिसके कारण नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम समझौता हुआ और घुसपैठ के स्तर में कमी आयी. उन्होंने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए एक बार फिर पाकिस्तान से बात कर सकते हैं.' अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त करने पर महबूबा ने कहा कि उनकी पार्टी इसकी बहाली के लिए लड़ाई जारी रखेगी.


उन्होंने कहा, "आखिरकार हमें विशेष दर्जा पाकिस्तान द्वारा नहीं दिया गया है. यह हमें दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और सरदार (वल्लभभाई) पटेल द्वारा दिया गया था. हम विशेष दर्जे की बहाली के लिए कानूनी और संवैधानिक माध्यमों से लड़ना जारी रखेंगे." 


गुलाम नबी आज़ाद ने कहा- जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले 
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा मिले और इसी के तहत इलेक्शन हो. कश्मीरी पंडितों को वापस लाना चाहिए इसका बंदोबस्त होना चाहिए. रोजगार की गारंटी हो उनकी. आसाम और नॉर्थ ईस्ट में आप लोगों ने डिफर किया पहले एनाउंस किया कि इनमें डिलिमिटेशन इकट्ठे होगी लेकिन बाद में आसाम के इलेक्शन से पहले नॉर्थ ईस्ट को रोक लिया तो क्या यहां भी कर सकते हैं तो गृह मंत्री ने कहा कि उन राज्यों में कोई स्टेट (लोकसभा सीट) बढ़नी या घटनी नहीं थीं. लेकिन यहां दो स्टेट के डिविजन के बाद सात सीट बढ़ गई हैं क्योंकि लद्दाख की चार थीं तो वो भी इसी में आ जाएंगी और तीन और बढ़ गईं पहले 87 थीं अब 90 कर रहे हैं तो पार्लियमेंट में कुल सात सीटें बढ़ानी हैं ये सीटें डिलिमिटेशन से ही बढ़ाएंगे. इसलिए इलेक्शन से पहले ये करना जरूरी है.


"जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए साझेदारी जरूरी"
केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि बैठक में पीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी जगह विकास पहुंचे इसके लिए साझेदारी हो. विधानसभा चुनाव के लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा ताकि हर क्षेत्र प्राप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सकें. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह यह एक सकारात्मक प्रयास था. पीएम ने पूरी गंभीरता के साथ सभी को सुना. पीएम ने बैठक में दो बातों पर जोड़ दिया. लोकतंत्र को ग्रासरुट तक ले जाने के लिए काम करना होगा और दूसरा सभी तक विकास पहुंचे. आज की बैठक लोकतंत्र में मजबूती देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है.


जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि बातचीत बहुत सकारात्मक माहौल में हुई है राजनीतिक दलों ने अपनी बातें रखी तो प्रधानमंत्री ने अपनी बातें कही, लेकिन प्रधानमंत्री ने यह साफ कर दिया है कि चुनाव जल्द होंगे लेकिन उससे पहले डीलिमिटेशन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. प्रधानमंत्री ने फुल स्टेटहुड की बात भी दोहराई लेकिन कहा कि वह अपने तय वक्त पर किया जाएगा. इस बैठक की खासियत यही रही कि सभी ने अपनी बात रखी और सब ने एक दूसरे की बात सुनी और आगे के लिए एक रास्ता खुला.