नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के दो पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती के खिलाफ पीएसए (पब्लिक सेफ्टी एक्ट) लगा दिया गया है. सरकार के इस फैसले के बाद दोनों नेताओं की नजरबंदी और बढ़ जाएगी. अब बिना ट्रायल के दोनों नेताओं को तीन महीने तक जेल में रखा जा सकता है. इससे पहले फारूक अब्दुल्ला पर भी पीएसए लगा दिया गया था. क्योंकि उन्होंने अपने प्रिवेंटिव डिटेंशन को चैलेंज किया था.


दरअसल, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से दोनों नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था. दोनों को ही हिरासत में लिए छह महीने हो गए थे. इसे बढ़ाने के लिए अब सरकार ने पीएसए एक्ट लगा दिया है. उमर अब्दुल्ला को हरि निवास और महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर में एम ए रोड पर डिप्टी सीएम के निवास पर रखा जाएगा.


जानकारी के मुताबिक आज सुबह से ही सरकार ने गतिविधियां तेज कर दी थीं. क्योंकि छह महीने की मियाद पूरी हो गई थी. पांच अगस्त को जिन जिन नेताओं को हिरासत में लिया गया था, उसे आगे बढ़ाने के लिए सरकार के पास काफी कम विकल्प थे. आज सुबह नेशनल कॉन्फ्रेंस के जेनरल सेक्रेटरी अली मोहम्मद और पीडीपी के सरताज मदनी को पहले रिहा किया गया बाद में दोबारा हिरासत में लिया गया और उन दोनों पर पीएसए लगाकर श्रीनगर के एक बंगले में रखा गया. इसके अलावा जो अन्य नेता रिहा हुए उनपर पीएसए तो नहीं लगाया गया लेकिन घरों में नजरबंद रखा गया है. इनमें पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन, पीडीपी के वहीद, पीडीपी के अब्दुल कय्यूम और अन्य नेताओं को कल रिहा किया गया था.


बता दें कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाला अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म करने का फैसला लिया. इस फैसले के बाद से ही दोनों नेता नजरबंद चल रहे हैं. सरकार ने एहतियातन ये कदम उठाया था.


PSA के तहत कुल 389 फिलहाल हिरासत में


बुधवार को सरकार ने बताया कि जम्मू कश्मीर में जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत कुल 389 लोगों को फिलहाल हिरासत में रखा गया है. गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान हटाए जाने के बाद से जम्मू कश्मीर जन सुरक्षा कानून के तहत 444 लोगों को हिरासत में लेने के आदेश जारी किए गए थे. रेड्डी ने बताया कि वर्तमान में पीएसए के तहत 389 लोग हिरासत में हैं.