नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग कर दी है. अब राज्य में नए सिरे से चुनाव होंगे. कुछ देर पहले ही खबर आई थी कि पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है. इसके लिए 56 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को भेज दी गई थी.
इसको लेकर उमर अबदुल्ला ने ट्वीट किया और लिखा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस पिछले 5 महीने से जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग करने की मांग कर रही थी और अब ये संयोग नहीं हो सकता कि जैसे ही महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा पेश किया उसके मिनटों के भीतर विधानसभा भंग कर दी गई.
अब विधानसभा भंग कर दी गई है और राज्य में किसी को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलेगा. ऐसे में पीडीपी ने कहा है कि अगर उन्हें मौका मिलता तो वो सरकार बनाने के लिए जरूरी नंबर हासिल कर सकते थे.
साथ ही महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया वह उमर अब्दुल्ला को समर्थन करने के लिए धन्यवाद करती हैं . उनके ट्वीट को रिट्विट करते हुए उमर अब्दुल्ला ने लिखा, ''मैने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी कुछ जो तुमने कहा वह रिट्विट करूंगा और उस बात से सहमत हो जाउंगा. राजनीति वास्तव में एक अजीब दुनिया है. आगे लड़ाई के लिए शुभकामनाएं.''
बताया जा रहा है कि सज्जाद लोन और महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी. बता दें कि जेएंडके में सरकार बनाने के लिए कुल 44 विधायकों की जरूरत है और पीडीपी ने 56 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था.
पीडीपी अध्यक्षा महबूबा मुफ्ती ने जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को भेजी चिट्ठी में सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसमें उन्होंने लिखा कि आपको शायद मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला होगा कि राज्य में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमारी पार्टी को समर्थन देने का फैसला किया है.
अभी शाम को ही खबर आई थी कि कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन हो रहा है. कल तक एक दूसरे के घोर दुश्मन रहे तीन विपक्षी दल एक साथ मिलकर सरकार बना रहे हैं. इस गठबंधन की घोषणा आज श्रीनगर में हुई. पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने का फैसला किया और राज्यपाल से दावा भी पेश किया.
पीडीपी नेता अल्ताफ बुखारी ने शाम को कहा था कि विपक्षी दलों के 60 विधायक साथ आ रहे हैं. हालांकि समर्थन की चिट्ठी में 56 विधायकों के ही नाम बताए गए. उन्होंने कहा था कि कश्मीर के स्पेशल स्टेटस, धारा 370 और 35 (ए) को बचाने के लिए सभी साथ आए हैं. बीजेपी को किनारे रखकर हम एक साथ मिलकर सरकार बनाएंगे. इसके लिए पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला की पार्टी ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाया.
बता दें कि राज्य में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था, जिसकी वजह से महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई थी. कश्मीर घाटी के हालात में सुधार नहीं होने के लिए बीजेपी ने पीडीपी पर ठीकरा फोड़ा था.