J&K: सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकवादी
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि त्राल के गुलाब बाग क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक गुप्त सूचना मिलने के बाद एक तलाशी अभियान चलाया. अभियान के दौरान छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी की जो बाद में मुठभेड़ में बदल गई.
श्रीनगर: दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में आज सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में अलकायदा से जुड़े जाकिर मूसा के संगठन अंसार गजवत उल हिंद के तीन आतंकवादी मारे गए. मुठभेड़ स्थल के निकट प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष के दौरान पैलेट से घायल हुए एक किशोर की भी मौत हो गई.
Good operation against Ghazwat-ul-Hind group; had got prior info of presence of 3 terrorists: Col Neeraj Pandey,CO 42 RR on Tral encounter pic.twitter.com/Vctq1aJZIg
— ANI (@ANI) August 9, 2017
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि त्राल के गुलाब बाग क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में एक गुप्त सूचना मिलने के बाद एक तलाशी अभियान चलाया. अभियान के दौरान छिपे हुए आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी की जो बाद में मुठभेड़ में बदल गई. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए. मारे गए आतंकवादियों की पहचान जाहिद अहमद बट्ट, इश्फाक बट्ट और मोहम्मद अशरफ डार के रूप में हुई हैं.
मुठभेड़ स्थल के निकट प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुए संघर्ष के दौरान पैलेट से घायल 16 साल के एक किशोर की मौत हो गई. अधिकारी ने बताया कि पैलेट से घायल मोहम्मद यूनिस को गंभीर हालत में यहां एसएचएमएस अस्पताल लाया गया जहां उसकी मौत हो गई.
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि मारे गये आतंकवादी के संगठन के बारे में पता नहीं चल सका है. हालांकि हिजबुल मुजाहिदीन ने दावा किया कि ये तीनों तथाकथित अंसार गजवत उल हिंद से कुछ समय तक जुड़े रहने के बाद इस संगठन में फिर से शामिल होने के लिए आ रहे थे.
हिजबुल मुजाहिदीन के एक प्रवक्ता ने फोन पर स्थानीय मीडिया को बताया कि जाहिद, इश्फाक और अशरफ जाकिर मूसा के समूह का हिस्सा थे और वे हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होते लेकिन रास्ते में ही वे मुठभेड़ में मारे गए. प्रवक्ता ने बताया कि हिजबुल मुजाहिदीन के दरवाजे अंसार गजवत उल हिंद से जुड़े आतंकवादियों के लिए हमेशा खुले हैं.
मूसा ने हाल ही में हिजबुल मुजाहिदीन को छोड़ा था और कहा जाता है कि वह दूसरे आतंकवादी संगठनों के संपर्क में हैं. वह हिजबुल के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी का करीबी सहयोगी था. बुरहान वानी पिछले साल मारा गया था और इसके बाद कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन होने लगे थे.