श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में शनिवार को सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर बशीर लश्करी समेत दो आतंकवादियों को मार गिराया. खबरों के मुताबिक पिछले महीने छह पुलिसकर्मियों की हत्या के पीछे लश्कर के इन्हीं आतंकवादियों का हाथ था.
पुलिस ने बताया कि जिले के दियालगाम इलाका के ब्रेन्ती बटपोरा गांव में ऑपरेशन के दौरान ताहिरा और शादाब अहमद चोपन की मौत हो गई.
बशीर लश्करी और आजाद दादा के रूप में हुई आतंकवादियों की पहचान
डीजीपी एस पी वैद्य ने बताया, ''मुठभेड़ खत्म हो गई है. दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है.'' वैद्य ने कहा कि मारे गए आतंकवादियों की पहचान बशीर लश्करी और आजाद दादा के रूप में हुई है. दोनों आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे.
इससे पहले सुरक्षा बलों और गांव में एक घर के अंदर छुपे आतंकवादियों के बीच हुई गोलीबारी में ताहिरा की मौत हो गई, जबकि मुठभेड़ स्थल के पास प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कथित रूप से चोपन भी मारा गया.
चोपन के चेहरे पर गोली लगने के निशान
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि चोपन के चेहरे पर गोली लगने के निशान थे और यहां के एसकेआईएमएस अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में गोली लगने से घायल हुए चार लोगों को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों पर गोलीबारी
पुलिस के अनुसार लश्करी और उसका समूह 16 जून को दक्षिण कश्मीर के अचबल इलाका में थाना प्रभारी फिरोज अहमद डार और पांच पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल था. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग के ब्रेन्ती बटपोरा में लश्करी सहित दूसरे आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद आज सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया. उन्होंने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद ऑपरेशन, मुठभेड़ में तब्दील हो गया.
17 आम लोगों का 'मानव ढाल' के तौर पर इस्तेमाल
पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि आतंकवादियों ने 17 आम लोगों का इस्तेमाल 'मानव ढाल' के तौर पर किया था. बहरहाल आतंकवादियों के खिलाफ अंतिम हमला शुरू करने से पहले सुरक्षा बल इन लोगों को बचाने में सफल रहे.