J&K Weather Update: जम्मू-कश्मीर बर्फबारी प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल, तीन हजार इमारतों को नुकसान
आज भी लद्दाख में पारा माइनस 15 से 20 हो चुका है. लेह और करगिल में पारा माइनस 16 और द्रास में माइस 20 से नीचे चला गया है, जिससे आने वाले 48 घंटे में शीतलहर पूरे उत्तर भारत को अपने चपेट में ले लेगी.पेट्रोल डीजल के साथ-साथ अब खाने पीने की चीजों की भी कमी कश्मीर घाटी में देखने को मिल रही है, जिससे लोग काफी परेशान हैं. ताजा बर्फबारी ने बिजली की आपूर्ति पर भी रोक लगा दी है.
श्रीनगर: उत्तर भारत में जारी शीतलहर के बीच जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी को सरकार ने प्राकृतिक आपदा की श्रेणी में शामिल कर लिया है. घाटी में बर्फबारी से अब तक करीब तीन हजार इमारतों को नुकसान पहुंचा है. आसमान से इतनी बर्फ गिर रही है कि लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. कमोबेश पूरी कश्मीर घाटी में हालात यही हैं. यहां बर्फबारी के बाद ठंड बहुत ज्यादा बढ़ गयी है.
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस दो डिग्री
श्रीनगर में न्यूनतम तापमान माइनस दो डिग्री तक पहुंच गया, जिसके कारण पिछले एक हफ्ते में हुई बर्फ पूरी तरह से जम गयी है. फिलहाल अगले कुछ हफ्ते तक तो इसी तरह का हाल बना रहेगा. हालांकि मौसम विभाग की तरफ से अच्छी खबर आयी है कि अगले पांच दिनों तक फिलहाल मौसम में सुधार रहेगा. बर्फ नहीं गिरेगी, लेकिन इस बर्फ के साथ पड़ने वाली ठंड ज्यादा हो जाएगी, जिसकी वजह से ना सिर्फ कश्मीर घाटी बल्कि पूरे उत्तर भारत में शीतलहर का प्रकोप बढ़ेगा और पारा लगातार नीचे जाएगा.
आज भी लद्दाख में पारा माइनस 15 से 20 हो चुका है. लेह और करगिल में पारा माइनस 16 और द्रास में माइस 20 से नीचे चला गया है, जिससे आने वाले 48 घंटे में शीतलहर पूरे उत्तर भारत को अपने चपेट में ले लेगी. लेकिन परेशानी सिर्फ इतनी नहीं है. श्रीनगर हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है. सैकड़ों गाड़ियां यहां फंसी हुई हैं. कई ट्रक ऐसे हैं जो पिछले आठ दिनों से यहीं पर फंसे हुए हैं.
ताजा बर्फबारी के बाद सड़कों पर फंसी गाड़ियां और ट्रक
हालांकि सड़क से बर्फ हटाने का काम किया जा रहा है, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि जितना बर्फ हटाया जाता है, उससे ज्यादा बर्फ फिर हो जाती है. इसलिए रास्ता खोलने में बहुत ज्यादा मुश्किल हो रही है. स़ड़क को शनिवार को साफ किया गया था लेकिन फिर शनिवार को हुई ताजा बर्फबारी के बाद सड़क एक बार फिर बंद हो गयी है. उम्मीद की जा रही है कि मौसम में सुधार रहा तो अगले 48 घंटों के भीतर ही सड़क को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा.
एक तरफ बर्फबारी यहां के लोगों के लिए खुशी लेकर आती हैं ,क्योंकि इससे पर्यटकों के आने की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन दूसरी ओर परेशानी भी बढ़ा देती है. क्योंकि रास्ते बंद होने से और भारी मात्रा में बर्फ गिरने से इनकी मुसीबत बढ़ जाती है. राशन से लेकर बिजली और पीने के पानी की भी दिक्कतें होने लगती हैं.
बिजली की आपूर्ति पर भी रोक
पेट्रोल डीजल के साथ-साथ अब खाने पीने की चीजों की भी कमी कश्मीर घाटी में देखने को मिल रही है, जिससे लोग काफी परेशान हैं. ताजा बर्फबारी ने बिजली की आपूर्ति पर भी रोक लगा दी है, जिसकी वजह से लोगों की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ रही हैं. आने वाले दिनों में जिस तरह से ठंड की भविष्यवाणी की गयी है उससे पीने के पानी की सप्लाई भी प्रभावित हो सकती है.
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