Omar Abdullah on Arvind Kejriwal arrest: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला बुरी तरह भड़के हैं. उन्होंने दावा किया कि इस तरह की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर धब्बा की तरह है. शुक्रवार (22 मार्च, 2024) को उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- ऐसी तैसी डेमोक्रेसी. 400 पार (लोकसभा चुनाव 2024 में 400 से अधिक सीटें जीतने के बीजेपी के लक्ष्य के संदर्भ में) की बातों के जरिए सत्ताधारी सरकार असाधारण स्तर की घबराहट दिखा रही है. आम चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद केंद्रीय एजेंसी की ओर से विपक्षी दल के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर एक दाग है.


उमर अब्दुल्ला के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने भी प्रतिक्रियाएं दीं. @aartic02 ने कहा, "वाकई में यह घटनाक्रम लोकतंत्र पर दाग जैसा है. बीजेपी हमारे देश में सबसे बुरी चीज है." @Pankajk64441364 ने दावा किया कि यह तानाशाही का दौर है. @SIVARAO1754 की ओर से लिखा गया- अरविंद केजरीवाल का इस समय समर्थन करना अच्छी बात है.


पिता फारूक अब्दुल्ला को भी कहिए...बोले X यूजर्स


आगे @nsb1080 के हैंडल से कहा गया- भ्रष्ट नेताओं को समन भेजने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुक्त है. आप 86 साल के पिता फारूक अब्दुल्ला को भी कहिए कि वह ईडी के साथ जांच में सहयोग करें. देश का कानून सबसे ऊपर है और सभी नागरिकों को उसके साथ कॉपरेट करना चाहिए.




किस मामले में हुई अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी?


आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी गुरुवार को ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में की थी. शुक्रवार (22 मार्च, 2024) को ईडी सूत्रों ने मामले में ताजा जानकारी देते हुए बताया कि गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री घर पर हुई दो घंटे हुई ईडी की पूछताछ में खुद पर लगे सारे आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आए थे.


पूछताछ में ED से अरविंद केजरीवाल नहीं कर रहे सहयोग 


सूत्रों की ओर से इस बारे में यह भी जानकारी दी गई कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ईडी की पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया था. ऐसे में उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी थी, जबकि शुक्रवार (22 मार्च, 2024) सुबह भी बताया गया कि वह पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं.