Champai Soren News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और 'झारखंड मुक्ति मोर्चा' (जेएमएम) नेता चंपई सोरेन के बीजेपी में जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं. अगर ऐसा होता है तो जेएमएम को बड़ा झटका लगेगा, क्योंकि दो महीने पहले ही उन्होंने राज्य के सीएम की कुर्सी अपने नेता हेमंत सोरेन को सौंपी थी. हेमंत सोरेन के विश्वासपात्र होने की वजह से ही चंपई को झारखंड का सीएम बनाया गया था. हालांकि, चंपई सोरेन ने रविवार (18 अगस्त) को एक पोस्ट में बताया कि वह किन तीन विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.


चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बतौर मुख्यमंत्री इतना ज्यादा अपमान झेलना पड़ा है, जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि उनके पास तीन विकल्प हैं. पहला तो ये है कि वह राजनीति से संन्यास ले लें. दूसरा अपनी अलग पार्टी बनाएं और तीसरा किसी पार्टी का दामन थाम लें और उसके साथ आगे का सफर तय करें. चंपई के इस पोस्ट के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है कि वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. 


चंपई सोरेन ने क्या-क्या कहा है?


झारखंड के पूर्व सीएम ने अपनी पोस्ट में दावा किया है कि 3 जुलाई को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के कुछ दिनों बाद, उनके सभी निर्धारित कार्यक्रम बिना किसी स्पष्टीकरण के रद्द कर दिए गए. उन्होंने लिखा, "जब मैंने कार्यक्रम रद्द करने का कारण पूछा तो मुझे बताया गया कि 3 जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक है और मैं तब तक किसी भी सरकारी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकता."






उन्होंने कहा, "जब वर्षों से पार्टी के केन्द्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं हो रही है, और एकतरफा आदेश पारित किए जाते हैं, तो फिर किस से पास जाकर अपनी तकलीफ बताता? इस पार्टी में मेरी गिनती वरिष्ठ सदस्यों में होती है, बाकी लोग जूनियर हैं, और मुझ से सीनियर सुप्रीमो जो हैं, वे अब स्वास्थ्य की वजह से राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, फिर मेरे पास क्या विकल्प था? अगर वे सक्रिय होते, तो शायद अलग हालात होते."


चंपई सोरेन किस बात से नाराज हुए?


इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी और जेएमएम के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि चंपई सोरेन दिल्ली में बीजेपी में शामिल होने वाले हैं. बीजेपी के एक सूत्र ने कहा, "वह (चंपई) संभवत: बीजेपी में शामिल होंगे, लेकिन दिल्ली में हेमंत सोरेन गुट इस स्थिति से बचने की पूरी कोशिश करेगा. ऐसे में इसके अन्य परिणाम भी हो सकते हैं."


जेएमएम सूत्रों ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में घाटशिला सीट से अपने बेटे को उम्मीदवार बनाने के चंपई के अनुरोध को अस्वीकार करने के बाद पार्टी के भीतर मतभेद उभर आए. जेएमएम के एक नेता ने कहा, ''वह (चंपई) सिर्फ पद छोड़ने का आधार बना रहे हैं और इस तरह कई आधारहीन कहानियां फैलाई जा रही हैं. ये बात बिल्कुल साफ है कि वह कोलकाता गए और कथित तौर पर बीजेपी नेताओं से मिले. जब वह बीजेपी में शामिल होंगे तो सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा.''


सूत्रों ने बताया कि चंपई इस बात से भी नाराज थे कि जब राज्य में कुछ ही महीनों में चुनाव होने वाले हैं तो उन्हें पद से नहीं हटाया जाना चाहिए था. वह चाहते थे कि चुनाव तक वह सीएम पद पर रहें और फिर जीत मिलने के बाद हेमंत सोरेन राज्य की कमान संभाल लें. 


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