JMM On BJP: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले को लेकर सोमवार (29 जनवरी) को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंचा. जांच एजेंसी की टीम कई घंटो तक यहां डेरा डाले रही. वहीं बीजेपी ने हेमंत सोरेन को लापता घोषित कर तलाश करने वालों को इनाम देने की घोषणा की. इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य  ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए पलटवार किया. 


जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि रेबीज का इलाज होता है. इनका (बीजेपी) इलाज हम करेंगें. इनके पास कोई सबूत नहीं है. राजनीतिक तौर पर ये हमसे मुकाबला नहीं कर सकते. आप जब मुक़ाबला नहीं कर सकते तो केवल आपके पास भ्रम की स्थिति फैलाने का रास्ता बचता है.


बीजेपी का दावा कल्पना सोरेन को CM बनाने की तैयारी है?—
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हमारी तमन्ना है कि विधायक दल की बैठक में निशिकांत दुबे आ जाए. सीएम की कोई वैकेंसी नहीं है. हमारी सरकार है और 2024 में फिर से सरकार आएगी. इस कारण हमें चिंतित होने की ज़रूरत नहीं


हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को लेकर क्या कहा?
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि क्यों गिरफ्तारी होगी सवाल ये है. क्या आधार है गिरफ्तारी का? चीजों को गलत नजरिए से पेश किया जा रहा है. ये चुनावी साल है. राज्य का बहुत महत्वपूर्ण काल होता है जब बजट पेश करना होता है. इस 9 फरवरी से बजट सत्र शुरू होना है, जो 29 फरवरी तक चलेगा. पूरा राज्य इस बजट से चलेगा. इस समय पर आप जिस तरह से जो स्थितियां पैदा कर रहे हैं ये हम समझते हैं, लेकिन हम घबराने वालों में से नहीं है. हम कानूनी तरीके से भी आगे बढ़ रहे हैं. 


विधायक दल की बैठक में क्या तय होने जा रहा है? 
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इसको लेकर रणनीति अभी हम शेयर नहीं कर सकते. विधायक दल की औपचारिक बैठक होती रहती है. आज संयुक्त गठबंधन की बैठक होगी. राज्य में जो स्थिति है और राष्ट्रीय तौर पर जो स्थिति है सब पर चर्चा होगी. 


36 लाख बरामद होने के सवाल पर भट्टाचार्य ने कहा कि वो किसका पैसा था? आप किसी के यहां घुस जाओ और चाहे घर का मालिक रहे या ना रहे. आप कुछ भी बोल देंगे तो 36 लाख क्या 36 हज़ार करोड़ रुपये भी तो हो सकता था. 


राज्यपाल को लेकर क्या कहा?
राज्यपाल के राज्य की स्थिति ठीक नही के बयान पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि उनको सोचना चाहिए. वो अभिभावक हैं, लेकिन उनकी भी एक सीमा है और राजनीतिक दल की भी एक सीमा होती है. राज्यपाल को बताना पड़ेगा क्या उनके पास किधर से भी कोई जानकारी है. हमारे गृह विभाग की तरफ से क्या उनसे कुछ कहा गया है? क्या हमारे जिला प्रशासन की तरफ से कुछ कहा गया है? हम राज्यपाल का सम्मान करते हैं. 9 तारीख़ को यही राजपाल जब बजट सत्र में अपना अभिभाषण पढ़ेंगे तो हमारी सरकार की तारीफ करते नज़र आएंगे.


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