कौन हैं साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल, जिन्हें मिला ज्ञानपीठ पुरस्कार? उपन्यास पर बन चुकी है फिल्म
Vinod Kumar Shukla: उनके उपन्यास, जैसे ‘नौकर की कमीज’, 'दीवार में एक खिड़की रहती थी', 'खिलेगा तो देखेंगे' हिंदी की सबसे बेहतरीन उपन्यासों में से एक हैं.

Vinod Kumar Shukla: प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष 2024 के लिए 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए जाने की घोषणा की गई है. भारतीय ज्ञानपीठ ने एक बयान में यह जानकारी दी. बयान के मुताबिक, शुक्ल को हिंदी साहित्य में उनके अद्वितीय योगदान, सृजनात्मकता और विशिष्ट लेखन शैली के लिए इस सम्मान के वास्ते चुना गया है.
विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के 12वें साहित्यकार हैं, जिन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है. शुक्ल छत्तीसगढ़ राज्य के ऐसे पहले लेखक हैं, जिन्हें इस सम्मान से नवाजा जाएगा. प्रसिद्ध कथाकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रतिभा राय की अध्यक्षता में हुई प्रवर परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया.
सरल भाषा, गहरी संवेदनशीलता के लिए फेमस है उनका लेखन
लेखक, कवि और उपन्यासकार शुक्ल (88 वर्ष) की पहली कविता 1971 में ‘लगभग जयहिंद’ शीर्षक से प्रकाशित हुई थी. उनके मुख्य उपन्यासों में ‘नौकर की कमीज’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ और ‘खिलेगा तो देखेंगे’ शामिल हैं. उनका लेखन सरल भाषा, गहरी संवेदनशीलता और अद्वितीय शैली के लिये जाना जाता है. वह मुख्य रूप से हिंदी साहित्य में अपने प्रयोगधर्मी लेखन के लिये प्रसिद्ध हैं.
मिलेगी कितनी राशि?
शुक्ल को साहित्य अकादमी पुरस्कार और अन्य प्रतिष्ठित सम्मानों से भी नवाजा जा चुका है. ज्ञानपीठ पुरस्कार देश का सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान है, जिसे भारतीय भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्य रचने वाले रचनाकारों को प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार के तहत 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है. उनके उपन्यास, जैसे ‘नौकर की कमीज’, 'दीवार में एक खिड़की रहती थी', 'खिलेगा तो देखेंगे' हिंदी की सबसे बेहतरीन उपन्यासों में से एक हैं. 'नौकर की कमीज' पर मशहूर फिल्मकार मणिकौल ने एक फिल्म भी बनाई थी.
बैठक में कौन-कौन शामिल?
बैठक में चयन समिति के अन्य सदस्य के रूप में माधव कौशिक, दामोदर मावजो, प्रभा वर्मा और डॉ. अनामिका, डॉ ए. कृष्णा राव, प्रफुल्ल शिलेदार, जानकी प्रसाद शर्मा और ज्ञानपीठ के निदेशक मधुसूदन आनंद शामिल थे.
यह भी पढ़ें- टेलिकॉम फ्रॉड के खिलाफ सरकार सख्त, 17 लाख WhatsApp अकाउंट ब्लॉक; 3.4 करोड़ से ज्यादा कनेक्शन हुए कट
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
