नई दिल्ली: जेएनयू हमला मामले में पुलिस द्वारा संदिग्ध के तौर पर पहचाने गए वाम दलों से संबद्ध संगठन एआईएसए के सदस्यों ने हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार करते हुए शुक्रवार को कहा कि वे पुलिस जांच में सहयोग करेंगे. जेएनयू में पांच जनवरी को नकाबपोश समूह के हमले में 35 लोग घायल हो गए थे.
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को जेएनयू हिंसा मामले में नौ संदिग्धों की तस्वीरें जारी करते हुए दावा किया कि इनमें जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष एवं स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की सदस्य आइशी घोष भी शामिल हैं.
पुलिस ने कहा कि नौ संदिग्धों में से सात वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले संगठनों से हैं जबकि दो संदिग्ध 'दक्षिणपंथी छात्र' इकाई से संबंध रखते हैं.
संदिग्धों में शामिल ऑल इंडिया स्टूडेंट यूनियन (एआईएसए) की सदस्य डोलन सामंता और विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र चुनचुन कुमार ने पांच जनवरी को हुई हिंसा में अपनी संलिप्तता से इनकार करते हुए कहा कि वे पुलिस के साथ सहयोग करेंगे.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. दिल्ली पुलिस के पीआरओ एमएस रंधावा ने कहा कि इस मामले को लेकर गलत जानकारी फैलाई जा रही है. पुलिस ने अभी तक की जांच की जानकारी साझा की. पुलिस ने बताया कि जेएनयू हिंसा मामले में अबतक कुल तीन केस दर्ज किए हैं. इसके साथ ही पुलिस ने संदिग्धों की तस्वीर भी जारी की. इसमें दो संदिग्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के हैं और सात लेफ्ट से जुड़े हैं.
क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि जनवरी के महीने में एक तारीख से पांच तारीख के बीच में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जाए, इसको लेकर ऑनलाइन पोर्टल खोला गया. इसके लिए तीन सौ रुपये देने थे. चार छात्र संगठन इसके खिलाफ थे. चार छात्र संगठनों में एसएफआई (स्टूडेन्ट फेडेरेशन ऑफ इंडिया), एआईएसएफ (ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडेरेशन), एआईएसए (ऑल इंडिया स्टूडेंटन फेडेरेशन) और डीएसएफ (डेमोक्रेटिक स्टूडेंट फेडेरेशन) का नाम शामिल है.
बैठकों के बाद एचआरडी मंत्रालय ने जेएनयू के छात्रों से कहा- बुनियादी मांग पर सहमत, आंदोलन खत्म करिये
जेएनयू हिंसा : एबीवीपी का दावा, उसके सदस्य नहीं थे हमले में शामिल