JNU Attack: जानिए छात्रों पर जानलेवा हमले के बाद किसने क्या कहा है
JNU Attack: जानिए छात्रों पर जानलेवा हमले के बाद किस राजनेता ने क्या प्रतिक्रिया दी है.
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नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में रविवार की शाम फिर बवाल मचा. कुछ नकाबपोश हमलावरों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर साबरमती छात्रावास के छात्रों को निशाना बनाया. नकाबपोश पुरुषों और चेहरा ढकी महिलाओं ने छात्रावास के कमरे में तोड़फोड़ की और छात्रों की पिटाई की. इस घटना पर देशभर में लोग विरोध जता रहे हैं और केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. आइए जानते हैं किसने क्या कहा है..
राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि 'हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें' बहादुर बच्चों की आवाज से डरती हैं लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी ने घटना में 'टुकड़े टुकड़े गिरोह' की भूमिका की जांच करने की मांग की. उन्होंने ट्वीट किया, “नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर किया गया नृशंस हमला चौंकाने वाला है जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें, बहादुर विद्यार्थियों की आवाज से डरती हैं. जेएनयू में आज हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है.”
प्रियंका गांधी कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा जेएनयू परिसर में हुई हिंसा में घायल छात्रों से मुलाकात करने के लिए दिल्ली के एम्स पहुंचीं. उन्होंने कहा कि कई घायल छात्रों के हाथ पैर टूटे हैं, और उनके सिर पर चोटें हैं. प्रियंका गांधी ने कहा कि यह किसी सरकार के बारे में बेहद ही शर्मनाक है कि उसने अपने ही बच्चों पर हिंसा होने दी.
अरविंद केजरीवाल
जेएनयू कैंपस में हुए इस हमले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हैरानी जताई है. सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''जेएनयू में हुई हिंसा को जानकर मैं बहुत हैरान हूं. छात्रों पर बुरी तरह से हमला किया गया. पुलिस को तुरंत हिंसा को रोक शांति बहाल करनी चाहिए. अगर हमारे छात्र यूनिवर्सिटी के कैंपस में सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो देश कैसे तरक्की करेगा?''
शशि थरूर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लिखा, यह विश्वास से परे है. यह जर्मनी वाली चाल है, यह 1930 के जर्मनी से है 2020 के भारत से नहीं. मैंने इसे रोकने के लिए अधिकारियों से अपील की है. वे लोकतंत्र को नष्ट कर रहे हैं, दुनिया भर में हमारे देश की लोकतांत्रिक छवि बनी है.
सीताराम येचुरी माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि खबरों से मालूम चलता है कि छात्रों एवं शिक्षकों पर हिंसा करने के लिए प्रशासन और एबीवीपी के “गुंडों” के बीच साठगांठ है. उन्होंने कहा कि यह सत्ता में बैठे लोगों का सुनियोजित हमला है जो उसके हिंदुत्व के एजेंडे की राह में बाधा डाल रहे जेएनयू से डरते हैं.
पी. चिदंबरम कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने रविवार को कहा कि जेएनयू के छात्रावासों में नकाबपोश लोगों के घुसने और छात्रों पर हमले करने का सीधा प्रसारण टीवी पर देखना भयावह था और ऐसा केवल सरकार की मदद से ही हो सकता है.
निर्मला सीतारमण
बीजेपी की वरिष्ठ नेता एवं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हिंसा को “खौफनाक” बताया और कहा कि मोदी सरकार चाहती है कि सभी छात्रों के लिए विश्वविद्यालय सुरक्षित स्थान रहें. सीतारमण ने ट्वीट किया, “जेएनयू से बहुत ही खौफनाक तस्वीरें सामने आईं हैं - वह जगह जिसे मैं जानती हूं और ऐसी जगह के तौर पर याद करती हूं जिसे निर्भीक चर्चाओं एवं विचारों के लिए याद किया जाता था, लेकिन हिंसा कभी नहीं. मैं आज हुई हिंसा की स्पष्ट तौर पर निंदा करती हूं.यह सरकार, पिछले कुछ हफ्तों में जो कुछ कहा गया उसके बावजूद, चाहती है कि विश्वविद्यालय सभी छात्रों के लिए सुरक्षित रहें.”
विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी ट्वीट किया, “जेएनयू में जो हुआ उसकी तस्वीरें देखीं. हिंसा की स्पष्ट तौर पर निंदा करते हैं. यह विश्वविद्यालय की संस्कृति एवं परंपरा के पूरी तरह खिलाफ है.”
नलिन कोहली
BJP प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि किसी भी रूप में हिंसा की निंदा की जानी चाहिए लेकिन साथ ही कहा कि यह गौर करना भी उतना ही जरूरी है कि जेएनयू में लोगों के एक एक खास समूह की, “मानसिकता ऐसी है जो भारत के टुकड़े करने की अपील करती है और उच्चतम न्यायालय द्वारा एक ज्ञात आतंकवादी को सुनाई गई मौत की सजा को हत्या मानते हैं.” उन्होंने कहा कि इन लोगों को अक्सर 'टुकड़े टुकड़े गिरोह' कहा जाता है और कहा, “निश्चित तौर पर उनकी विचारधारा शांति की नहीं हो सकती. हिंसा की इस संस्कृति में उनकी क्या भूमिका है, यह पता लगाना जरूरी है खासकर आज की घटना में.”
एम के स्टालिन द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भी जेएनयू परिसर में हुई हिंसा की रविवार को निंदा की और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की. तमिलनाडु विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन ने इसे विवादित नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बाद हुई हिंसा करार दिया और इसकी निंदा की. स्टालिन ने कहा, “नकाबपोश शरारती तत्वों के परिसर के भीतर जेएनयू छात्रों पर हमला करने की तस्वीरें देख कर सदमे में हूं.”
क्या है मामला
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार रात उस वक्त हिंसा भड़क उठी थी जब डंडों से लैस नकाबपोश लोगों ने छात्रों एवं शिक्षकों पर हमला किया और परिसर की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, जिसके चलते प्रशासन को पुलिस बुलानी पड़ी. जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष समेत कम से कम 18 लोग घायल हो गए.
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