भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का सपना कभी पूरा नहीं होगा, ये टुकड़े-टुकड़े गैंग का काम- JNU विवाद पर बोले गिरिराज सिंह
JNU Row: गिरिराज सिंह ने कहा कि जेएनयू एक शिक्षा का मंदिर है, जिसे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों की बहुसंख्यकों को तोड़ने की यह कोशिश कभी भी सफल नहीं हो पाएगी.
Giriraj Singh On JNU Casteist Slogans: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की दीवारों पर ब्राह्मणों और बनियों के खिलाफ लिखे विवादित नारों को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि जेएनयू टुकड़े-टुकड़े गैंग चलाने वाले राजनीतिक दलों का अड्डा बनता जा रहा है. उन्होंने इस घटना पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इसी टुकड़े-टुकड़े गैंग और गजवा-ए-हिंद की सांठगाठ देश में चल रही है, जो देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे है. वे भारत में अपने मकसद में सफल नहीं होंगे.
बिहार के बेगूसराय से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद गिरिराज सिंह ने जेएनयू में उठे नए बवाल को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि सत्ता आती रहेगी जाती रहेगी लेकिन सनातन धर्म की परिभाषा बदलने की कोशिश सदन में बैठे लोगों को नहीं करनी चाहिए.
भारत को इस्लामिक देश बनाने की साजिश
गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि कुछ कट्टरपंथी ताकतें भारत को इस्लामिक देश बनाने की साजिश रच रही हैं. उन्हीं लोगों ने बहुसंख्यकों में दरार पैदा करने के लिए ऐसे स्लोगन जेएनयू की दीवारों पर लिखें हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू शिक्षा का एक मंदिर है, जिसे बदनाम करने की साजिश की जा रही है, कट्टरपंथी अल्पसंख्यकों की बहुसंख्यकों को तोड़ने की यह कोशिश कभी भी सफल नहीं हो पाएगी.
उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक समाज को कोई तोड़ नहीं सकता, भारत में जब तक बहुंसख्यक समाज है, लोकतंत्र भी तभी तक मजबूत है. जेएनयू में हुई इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर से यूनिवर्सिटी को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
मनोज मुन्तशिर ने भी की आलोचना
जेएनयू की दीवारों पर जातिसूचक नारे लिखे जाने पर मचे बवाल को लेकर गीतकार मनोज मुन्तशिर (Manoj Muntashir) ने इसको सनातन का अपमान बताया है. उन्होंने एक निजी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में JNU विवाद की तुलना हिटलर के शासनकाल से कर डाली. उन्होंने कहा कि 1940 के आस-पास जर्मनी में यहूदियों की हालत क्या थी, किस तरह से यहूदियों को दबाया जा रहा था, आज हालत वैसी ही है.
उन्होंने आगे कहा कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बैठे वामपंथी सोच के लोग देश को खोखला करने का प्रयास कर रहे हैं, ऐसी सोच वालों से मुकाबला करने की जरूरत है. मनोज मुन्तशिर ने कहा कि सवर्णों (ब्राह्मणों) को बार-बार अपमानित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी पहचान पर संकट है, हमारे अस्तिव पर संकट है. वामपंथी चाहते हैं कि हम चुपचाप सब कुछ सहते रहें, ऐसा नहीं हो सकता.
क्यों मचा है बवाल?
दरअसल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की दीवारों पर जातिसूचक नारे लिखे होने की तस्वीरें वायरल हुई थीं. इनमें लिखा हुआ था ‘ब्राह्मण कैंपस छोड़ो’, ‘खून बहेगा’, ‘ब्राह्मण भारत छोड़ो’ और ‘ब्राह्मण-बनिया, हम तुम्हारे लिए आ रहे हैं!', 'हम बदला लेंगे'. इसके बाद से विभिन्न छात्र संगठनों में आक्रोश है. छात्रों ने दावा किया कि स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-II की इमारत की दीवारें विशेष समुदाय के खिलाफ नारेबाजी से भर दी गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इसके लिए वामपंथियों पर आरोप लगाया है.
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