JNU BBC Documentary: बीबीसी की डॉक्युमेंट्री को लेकर विवाद में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मंगलवार (25 जनवरी) को देर रात लेफ्ट छात्र संगठनों ने बहुत हंगामा किया. आलम ऐसा हो गया कि लेफ्ट और एबीवीपी आमने सामने आ गए और दोनों में बड़ी देर तक तकरार होती रही.


इस हंगामे के बाद जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष और यूनियन के लोग सामने आए और दूसरे गुट पर कई तरह के आरोप लगाए. जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने पूछा कि यूनिवर्सिटी में ब्लैक आउट क्यों किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इंटरनेट और बिजली के अलावा अन्य जरूरी सुविधाओं को भी प्रशासन ने रोक दिया है. 


आईशी ने कहा- बाहरी छात्र अंदर आए


जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने हंगामे के बाद कहा कि कैंपस में माहौल खराब करने के लिए बाहरी छात्रों की घुसपैठ जेएनयू कैंपस में हुई है. कैंपस में बिजली और इंटरनेट क्यों ठप किया गया है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि कैंपस के अंदर पत्थरबाजी की गई और जरूरी सुविधाओं को भी बंद कर दिया गया. जेएनयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जब प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री को चलाने की अनुमति नहीं है तो भीड़ लगाना और मोबाइल और लैपटॉप पर क्यूआर कोड बांटकर डॉक्युमेंट्री दिखाने का प्रयास पूरी तरीके से गैरकानूनी है. फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है. 


एबीवीपी ने कहा, हमसे कोई संबंध नहीं


जेएनयू एबीवीपी के अध्यक्ष रोहित ने कहा कि उनके संगठन का इस झड़प से कोई कनेक्शन नहीं है. कैंपस का माहौल सही रहे और हालात न बिगड़े, यह देखना प्रशासन का काम है. 


इस वजह से आई ऐसी नौबत


बता दें कि सोमवार को जेएनयू प्रशासन ने बीबीसी डॉक्युमेंट्रो को लेकर सख्त हिदायत दी थी कि यह कैंपस में न चले. इसके बावजूद यूनिवर्सिटी में छात्रों के गुट की ओर से मंगलवार देर शाम डॉक्युमेंट्री चलाई गई. जेएनयू के एक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि जब यह डॉक्युमेंट्री प्रतिबंधित है तो उसको दिखाने की अनुमति देने का कोई मतलब ही नहीं. वाबजूद इसके कैंपस में छात्रों के एक गुट ने देर शाम को स्क्रीनिंग का आयोजन किया. माहौल यहीं से खराब होना शुरू हुआ.


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