नई दिल्ली: देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान में गिने जाने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में बतौर सिक्योरिटी गार्ड तैनात रामजल मीणा ने 'रशियन लैंग्वेज' में एंट्रेंस एग्जाम क्रैक कर लिया है, और अब वो इसी कॉलेज के स्टूडेंट बन गए हैं. 34 साल के रामजल मीणा राजस्थान के करौली के रहने वाले हैं. अपनी इस सफलता पर उन्होंने कहा कि जेएनयू को जो बात अलग बनाती है वह यह है कि यहां के लोग सामाजिक भेदभाव में विश्वास नहीं करते हैं. सभी शिक्षक और छात्रों ने मुझे प्रोत्साहित किया, अब वे मुझे बधाई देते हैं. मुझे लगता है कि मैं रातोंरात प्रसिद्ध हो गया हूं.


हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक राजस्थान के एक छोटे से गांव के रहने वाले राजमल ने अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी, लेकिन उसके बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण उन्हें पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी. लेकिन उन्होंने सीखने की ललक नहीं छोड़ी. पिछले साल, उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान, इतिहास और हिंदी में ग्रेजुएशन किया.


सिविल सर्विसेज में आजमाना चाहते हैं किस्मत 


राजमल शादीशुदा हैं और उनकी तीन बेटियां हैं, वो मुनिरका में एक कमरे में रहते हैं. उन्होंने कहा, "मैं अपने परिवार की जिम्मेदारियों में व्यस्त था, लेकिन मेरे मन में रेगुलर कॉलेज न कर पाने का अफसोस हमेशा था. जब मैंने यहां का माहौल देखा, तो मेरा सपना फिर जाग गया. मैंने ड्यूटी के घंटो के बीच और उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी की थी. मैं अपने फोन पर ऐप्स के मदद से न्यूज पेपर पढ़ता हूं. इसके अलावा, छात्रों ने भी मुझे पीडीएफ नोट दिए थे."


'रशियन लैंग्वेज' चुनने को लेकर उन्होंने कहा, "मैंने उन लोगों को सुना है जो विदेशी भाषाओं का अध्ययन करते हैं, उन्हें विदेशों का दौरा करने का मौका मिलता है. इसके अलावा, मैं सिविल सर्विसेज में भी अपनी किस्मत आजमाना चाहता हूं." उन्होंने कहा कि अपने परिवार में मैं इकलौता कमाने वाला हूं और मेरी पत्नी पैसे के बारे में चिंतित है. जेएनयू में नियम है कि यहां काम के साथ रेगुलर एजुकेशन नहीं कर सकते हैं. मैं रात की पाली के लिए अनुरोध करूंगा."


लोगों ने जेएनयू के बारे में गलत धारणाएं बना ली हैं- राजमल


जेएनयू को लेकर हुए विवादों को लेकर उन्होंने कहा कि लोगों ने जेएनयू के बारे में "गलत धारणाएं" बना ली है. फरवरी 2016 की घटना के बाद जेएनयू के बारे में बहुत सारी अफवाहें हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि छात्र सिर्फ विरोध करते हैं. यूनिवर्सिटी ने देश को कई सारे विद्वान दिए हैं. मैं भी यहां से पढ़ाई बाद कुछ हासिल करना चाहता हूं.


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