JNU के बाद अब कर्नाटक में दीवारों पर रंगा गया लाल रंग, लिखा- 'Join CFI'... पुलिस ने दर्ज किया मामला
Karnataka News: केंद्र सरकार ने इसी साल आतंकी फंडिंग और अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद PFI पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया था. सीएफआई भी इसी का एक स्टूडेंट विंग है.
CFI In Karnataka: कर्नाटक में शिवमोग्गा जिले के शिरालाकोप्पा शहर के कई हिस्सों में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की सहायक छात्र शाखा सीएफआई (CFI) को लेकर वहां कई जगह दीवरों पर कमेंट लिखे गए हैं. वहां दीवारों पर लाल रंग से 'जॉइन सीएफआई' लिखा पाया गया है. पुलिस ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.
पुलिस अधीक्षक जीके मिथुन कुमार के अनुसार, रविवार को शिकारीपुरा तालुक के शिरलकोप्पा पुलिस थाने में शहर में कम से कम नौ जगह पर "जॉइन सीएफआई" लिखा पाया गया था. इसके बाद पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाख की जा रही है.
एसपी जीके मिथुन ने बताया कि 28 नवंबर को पुलिस गश्त के दौरान ये लेख देखे गए और उन्हें तुरंत हटा दिया गया. पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के औपचारिक प्रतिबंध से पहले "सीएफआई में शामिल हों" चित्रों को चित्रित किए जाने की सबसे जयादा संभावना है.
पीएफआई पर लगा 5 साल का प्रतिबंद्ध
केंद्र सरकार ने इसी साल सितंबर महीने में आतंकी फंडिंग व अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल पाए जाने के बाद कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ( PFI) पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया था. सीएफआई भी इसी का एक स्टूडेंट विंग है. जिसको लेकर कर्नाटक में नए चित्र सामने आने के बाद पुलिस और सुरक्षा तंत्र अलर्ट हो गया है. हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NIA) और तमाम राज्यों की एजेंसियों ने पीएफआई के कई ठिकानों पर छापेमारी कर उसके 250 से ज्यादा सदस्यों को हिरासत में लिया था.
पीएफआई पर लगे ये संगीन आरोप
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई का गठन 17 फरवरी 2007 को हुआ था. ये एक कट्टरपंथी संगठन है. देश में स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट यानी सिमी पर बैन लगने के बाद पीएफआई का विस्तार तेजी से हुआ. एनआई के जांच में इस संगठन के कथित रूप से हिंसक और आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने की बात सामने आई थी. एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में इस संगठन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया था. एनआईए ने पीएफआई पर हथियार चलाने के लिए ट्रेनिंग कैंप चलाने का आरोप लगाया. इसके अलावा अधिकारियों ने दावा किया है कि ने इस साल जुलाई में बिहार की राजधानी पटना में पीएफआई(PFI)ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले करने की खतरनाक योजना बनाई थी.
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