नई दिल्ली: जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी के खिलाफ शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्रसंघ अगले सेमेस्टर के लिए नए दाखिलों की प्रक्रिया में रुकावट को लेकर आमने-सामने हैं. जेएनयू छात्र संघ ने छात्रों से अपील की कि वे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का बहिष्कार करें और फीस बढ़ोतरी के खिलाफ उनके आंदोलन में शामिल हों. इसके बाद कैंपस के कई छात्रों ने बढोतरी के खिलाफ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का बहिष्कार किया.
इसके बाद रविवार शाम कैंपस एक बार फिर विवाद में आया. कुछ नकाबपोशों ने कैंपस के अंदर घुसकर छात्रों को बुरी तरह मारा. इसी बाच रात में दिल्ली पुलिस के हेडक्वार्टर का छात्रों ने घेराव किया. हालांकि इन सब के बीच जेएनयू के वीसी ने कहा है रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती रहेगी. उन्होंने साथ ही कहा सभी छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की. आइए जानते हैं JNU में कितनी फीस बढ़ी है, जिसको लेकर छात्र पिछले कई महीनों से विरोध में हैं.
कितनी बढ़ी है फीस
देश की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र और प्रशासन कई दिनों से आमने-सामने हैं. विश्वविद्यालय के छात्र फीस वृद्धि और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों के विरोध में यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय ने फीस में जो बढ़ोतरी की है उसे तत्काल वापस लिया जाए. जेएनयू प्रशासन ने सबसे अधिक वन टाइम सिक्योरिटी चार्ज (रिफंडेबल) फीस में बढ़ोतरी की है. पहले ये फीस 5500 रुपये थी जिसे अब बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया गया है.
इसी के साथ सर्विस चार्ज की बात करें तो यह पहले शून्य था लेकिन इसे अब बढ़ाकर 1700 रुपये महीने कर दिया गया है. इसी के साथ रूम रेंट (सिंगल और डबल) दोनों में बढ़ोतरी की गई है. पहले जहां सिंगल रूम का चार्ज 20 रुपये महीना था उसे अब बढ़ाकर 600 रुपये महीना कर दिया गया है. वहीं, दो बेड वाले रूम का किराया जहां पहले 10 रुपये महीना था उसे बढ़ाकर अब 300 रुपये महीना कर दिया गया है.
छात्र इन्हीं फीस में बढ़ोतरी से उग्र हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों के प्रदर्शन के कारण सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को भी परेशानी का सामना करना पड़ा. गौरतलब है कि जेएनयू के तीसरे दीक्षांत समारोह में शिरकत करने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सोमवार को जेएनयू आए थे. इस दौरान छात्रों ने रमेश पोखरियाल निशंक को कई घंटों तक ऑडिटोरियम से निकलने नहीं दिया.
छात्रों की मांग थी कि जब तक यूनिवर्सिटी के कुलपति छात्रों से नहीं मिलते हैं तब तक वह मंत्री को जाने नहीं देंगे. बाद में जेएनयूएसयू के पदाधिकारियों ने मंत्री से मुलाकात की. इसके बाद मंत्री ने आश्वासन दिया कि छात्रों की मांगों पर गौर किया जायेगा. इसके बाद एचआरडी मंत्री जेएनयू से बाहर निकल पाए.