JNU Controversy: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की कई दीवारों पर जातिसूचक नारे लिखे जाने की घटना के बीच विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अपने सभी केंद्रों को एडवायजरी जारी कर इमारतों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा है. जेएनयू प्रशासन ने एडवायजरी में ये भी कहा है कि सभी स्कूल और केंद्रों में केवल एक ही प्रवेश और निकास बिंदु होगा. वहीं, शुक्रवार को शिक्षक व छात्र संगठनों ने मामले की “स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच” कराने का अनुरोध किया है.
इससे पहले, छात्रों ने ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज- द्वितीय’ की इमारत की जिन दीवारों पर जाति और समुदायों के खिलाफ नारे लिखे गए थे, उन्हें तोड़े जाने का दावा किया था. विश्वविद्यालय ने सभी केंद्रों से कहा है कि वे सार्वजनिक संपत्ति को तोड़ फोड़ किए जाने से रोकने के लिए हर केंद्र के उपयुक्त स्थान पर नोटिस बोर्ड लगाएं.
विशेष जाति-समुदाय के लोगों के खिलाफ लिखे गए नारे
इन नारों में विशेष जातिसूचक और समुदाय सूचक नारे लिखकर उस जाति के सदस्यों से विश्वविद्यालय और देश छोड़ने को कहा गया है. इस पर मचे बवाल के बीच प्रशासन ने कहा कि परिसर में मौजूदा सुरक्षा मुद्दों को ध्यान में रखते हुए यह छह सूत्री परामर्श जारी किया गया है. इन नारों में जाति और समुदाय विशेष के सदस्यों से विश्वविद्यालय और देश छोड़ने को कहा गया था.
शिक्षक संघ का बयान-यह निंदनीय कृत्य है
मामला सामेने आने के बाद जेएनयू शिक्षक संघ ने एक बयान में कहा कि इस तरह की घटनाओं के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ. शिक्षक संघ ने बयान जारी कर कहा कि, “जेएनयूटीए इस अत्यंत निंदनीय कृत्य की कड़े से कड़े शब्दों में निंदा करता है. यह विविधता की भावना और सभी विचारों को जगह देने के जेएनयू के मूल लोकाचार का उल्लंघन करता है.”
जेएनयूटीए ने विश्वविद्यालय प्रशासन से तुरंत घटना की जांच शुरू करने, दोषियों की पहचान करने और विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया है. जेएनयू की दीवारों पर लिखे नारों में जातिसूचक और समुदाय सूचक नारे लिखे गए हैं, इसपर जेएनयू प्रशासन ने कहा था कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
छात्र संघ का आरोप-माहौल खराब करने की कोशिश
प्रशासन ने कहा कि ‘स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज एंड ग्रीवेंस कमेटी' को जांच करने और जल्द से जल्द कुलपति शांतिश्री डी पंडित को एक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि विश्वविद्यालय में इस तरह की हरकत पहली बार नहीं हुई है.जेएनयूएसयू ने बयान में कहा, 'इसका मकसद परिसर के माहौल को खराब कर सामान्य स्थिति को बिगाड़ना है. विश्वविद्यालय के अंदर इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान ऐसी कई घटनाएं हुई हैं.'
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