JNU Controversy: दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी एक बार फिर से विवादों में है. यहां की दीवारों पर जातिसूचक नारे लिखे गए हैं, जिसमें कुछ खास जातियों को कैंपस छोड़ने की बात कही गई है. इस तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं. इस मामले के सामने आने के बाद जेएनयू को लेकर एक बार फिर से विवाद खड़ा हो गया है.


सोशल मीडिया पर 2 तरह की तस्वीरें सामने आई हैं. एक तस्वीर जेएनयू के "लैंग्वेज लिट्रेचर एंड कल्चर स्टडीज" और दूसरी तस्वीर "स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज" की बताई जा रही है. इस मामले को लेकर जेएनयू कुलपति ने संज्ञान में लिया है और एक पत्र जारी किया है. इसके साथ ही वाइस चांसलर प्रोफेसर शांतिश्री डी. पंडित ने रिपोर्ट भी मांगी है.


क्या लिखा है पत्र में?


मामले पर संज्ञान लेते हुए कुलपति शांतिश्री पंडित ने पत्र जारी किया है और कहा है कि जेएनयू में कुछ अनजान लोगों के दीवारों और फैकल्टी के कमरों में आपत्तिजनक स्लोगन लिखने और खराब करने की घटना को गंभीरता से लिया गया है. इसकी कड़ी निन्दा करते हुए डीन, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज और शिकायत कमेटी को जल्द से जल्द जांच करने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा वीसी ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. साथ ही किसी भी तरह की हिंसा के लिए जीरो टॉलरेंस को दोहराया है.


जेएनयू स्टूडेंट्स का दावा


वहीं जेएनयू स्टूडेंट्स ने दावा किया है कि खास समुदाय के खिलाफ नारेबाजी के साथ-साथ स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-II की इमारत में तोड़फोड़ की गई. इसके साथ ही एबीवीपी के जेएनयू अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा कि एबीवीपी इसकी कड़ी निंदा करता है. हमें विश्वास है कि शिक्षण संस्थानों को सिर्फ चर्चा और बहस के लिए उपयोग किया जाएगा न कि समाज और छात्रों के समुदाय में जहर घोलने में.


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