नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र पिछले करीबन एक महीने से फीस बढ़ोतरी और नए हॉस्टल मैनुअल के खिलाफ धरना और प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को भी जेएनयू छात्रों ने विशाल प्रदर्शन किया जिसमें उनका साथ देने के लिए अलग अलग विश्वविद्यालयों के छात्र जुटे. इन छात्रों ने जेएनयू से संसद भवन तक मार्च निकालने कि कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक दिया.
प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच हाथापाई हुई जिसमें पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज से कई छात्र लहुलुहान हो गए. हांलांकि पुलिस किसी भी तरह के बल का इस्तेमाल न करने का दावा कर रही है. जेएनयू में दृष्टिबाधित छात्रों के लिए बने फोरम (Visually Challenged Students Forum) ने आज सुबह पत्र लिख मीडिया को यह जानकारी दी कि दृष्टिहीन और डिफरेंटली एबल्ड छात्रों के साथ दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान बर्बरता दिखाई.
छात्रों का दावा है कि वो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे और उनका मकसद बराबर की शिक्षा का हक मांगना था. बढ़ी हुई फीस और नया हॉस्टल मैनुअल जिसमें अहम मुद्दा था लेकिन पुलिस द्वारा उनको प्रदर्शन के दौरान बुरी तरह मारा गया. जेएनयूएसयू काउन्सलर शशिभूषण का ज़िक्र किया गया है जिनकी इस प्रदर्शन के दौरान बुरी तरह पिटाई हुई.
JNU में फीस को लेकर जंग: प्रदर्शन में 30 पुलिसकर्मी और 15 छात्र घायल, आंदोलन अभी भी जारी
इस पत्र में यह दावा है कि जब छात्र शशिभूषण ने दिल्ली पुलिस को बताया कि वो दृष्टिहीन हैं तो पुलिस द्वारा बोला गया कि "अंधा है तो प्रदर्शन में क्यों आया है" उन्हें छाती और पेट पर घूंसे मारे गए. छात्रों ने कल दोपहर दो बजे दिल्ली पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन का एलान किया है.