जेएनयू मामला: दिल्ली के कानून मंत्री ने लॉ सेक्रेट्री को भेजा नोटिस,कहा - मुझतक नहीं पहुंची फाइल
जेएनयू राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी की राह में रोड़ा अटकता हुआ नजर आ रहा है. दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने इसकी फाइल उनके सामने रखे बिना ही विभाग की राय सीधे गृह विभाग को भेजने पर प्रधान सचिव (विधि) को नोटिस जारी किया है.
नई दिल्ली: जेएनयू राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी की राह में रोड़ा अटकता हुआ नजर आ रहा है. दिल्ली के कानून मंत्री कैलाश गहलोत ने इसकी फाइल उनके सामने रखे बिना ही विभाग की राय सीधे गृह विभाग को भेजने पर प्रधान सचिव (विधि) को नोटिस जारी किया है.
मंत्री ने 21 जनवरी को प्रधान सचिव (विधि) ए के मेंदिरत्ता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि उनकी मंजूरी के बगैर कोई भी फैसला नहीं किया जा सकता है या कोई भी राय किसी अन्य विभाग को नहीं भेजी जा सकती है.
गहलोत ने कहा कि मेंदिरत्ता का सीधे प्रधान सचिव (गृह) को फाइल भेजना ‘ न केवल वरिष्ठता का उल्लंघन है बल्कि ऐसा जान पड़ता है कि ऐसा जानबूझकर किया गया ताकि कानून मंत्री के विचार फाइल पर रिकार्ड न हो पाए.’
दिल्ली पुलिस ने जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) के परिसर में फरवरी 2016 में संसद हमले के मुजरिम अफजल गुरु को फांसी चढ़ाने के विषय पर हुए एक कार्यक्रम में कथित रुप से राष्ट्रविरोधी नारे लगाने को लेकर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ 14 जनवरी को आरोपपत्र दायर किया था.
पुलिस ने अदालत से कहा था कि इस मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दिल्ली सरकार से मांगी गयी. दिल्ली पुलिस ने इसकी फाइल दिल्ली सरकार के गृह विभाग को दी थी जिसने उसे राय मांगने के लिए विधि विभाग के पास भेज दिया. प्रधान सचिव (विधि) ने 18 जनवरी को गृह विभाग को यह फाइल लौटा दी.
सूत्रों ने कहा, ‘‘यह फाइल फिलहाल गृहमंत्री सत्येंद्र जैन के पास है जो अभियोजन मंजूरी पर अंतिम निर्णय लेंगे. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उसे मंजूरी के लिए गहलोत के पास भेजा जाएगा.’’ अदालत ने यह कहते हुए पुलिस आरोपपत्र का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था कि संबंधित प्राधिकार से अभियोजन मंजूरी नहीं ली गयी है.