नई दिल्ली: जवाहर लाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्रों के 'शांतिपूर्ण प्रदर्शन' पर हुए लाठीचार्ज और एक महिला फोटो जर्नलिस्ट से पुलिस की मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. फोटो जर्नलिस्ट का आरोप है कि पुलिस ने उसके साथ छेड़छाड़ की और कैमरे छीन लिए. दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जांच की बात कही है.


पुलिस ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज को जवाबी कार्रवाई बताते हुए कहा है कि जेएनयू के छात्रों ने पहले बैरिकेड तोड़े जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन और बल का प्रयोग किया गया.


वहीं कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस पर हमला बोलते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से हस्तक्षेप की मांग की है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्विट कर कहा, ''दिल्ली पुलिस का यह बिल्कुल निंदनीय व्यवहार है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी इस मामले में हस्तक्षेप करें और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें.''


छात्रों का क्या है आरोप?


जेएनयू के छात्र और प्रोफेसर यूनिवर्सिटी में 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्यता के विरोध, छेड़छाड़ के आरोपी प्रोफेसर अतुल जौहरी के खिलाफ कार्रवाई समेत अन्य मांगों को लेकर संसद तक मार्च निकाल रहे थे. छात्र और प्रोफेसर जेएनयू से संसद मार्ग तक पैदल आ रहे थे. इसी दौरान दिल्ली पुलिस ने आईएनए के पास रोका. छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी उकसावे के जमकर लाठियां भांजी. छात्रों की 'शांतिपूर्ण पदयात्रा' का नेतृत्व जवाहरलाल नेहरू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ कर रहा था.





महिला पत्रकार ने मारपीट और छेड़छाड़ की शिकायत दिल्ली के सरोजिनी नगर थाने में दर्ज करवाई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वो मामले पर गौर कर रहे हैं और वीडियो फुटेज की जांच करेंगे. पुलिस का सतर्कता विभाग इस मामले की जांच करेगा.





साथ ही उन्होंने पत्रकार से हुई मारपीट को गलतफ़हमी और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि महिला कॉन्सटेबल को फोटो जर्नलिस्ट के बारे में जानकारी नहीं थी.


पुलिस ने क्या कुछ कहा?


दिल्ली पुलिस ने छात्रों के आरोपों के बाद कई वीडियो साझा कर कहा है कि उकसावे के बाद कार्रवाई की गई. नई दिल्ली जिले के डीसीपी मधुर वर्मा ने ट्विट कर कहा, ''जेएनयू के छात्रों ने हौज खास के एसएचओ के साथ मारपीट की. उनके सिर में चोट लगी है वह बुरी तरह जख्मी हो गए.''





पुलिस ने बैरिकेड को पार करने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए वाटर कैनन (पानी की बौछार) का इस्तेमाल किया. उन्होंने एक अन्य वीडियो को साझा करते हुए कहा, ''किस परिभाषा के आधार पर कोई जेएनयू छात्रों के प्रदर्शन को शांतिपूर्ण कह सकता है?''





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