Umar Khalid Bail Plea in Delhi Court: दिल्ली पुलिस ने मंगलवार (9 अप्रैल, 2024) को यहां एक अदालत में 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी पूर्व जेएनयू छात्र उमर खालिद की जमानत के खिलाफ दलीलें पेश की. इस दौरान पुलिस ने अदालत को बताया कि किस तरह उमर खालिद ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने पक्ष में झूठी कहानी फैलाई.


कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश समीर बाजपेयी के समक्ष मंगलवार को खालिद की जमानत याचिका के खिलाफ दलीलें दी गईं. विशेष लोक अभियोजक (SPP) अमित प्रसाद ने कहा कि खालिद के मोबाइल फोन डेटा से पता चला है कि वह कुछ अभिनेताओं, राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और मशहूर हस्तियों के संपर्क में था और उन्हें दिल्ली पुलिस के खिलाफ कुछ समाचार पोर्टलों के माध्यम से कुछ लिंक भेजे थे.


'खालिद ने साजिश के तहत फैलाया नैरेटिव'


ये लिंक एक विशेष नैरेटिव बनाने और इसे फैलाने के लिए उमर खालिद ने उन लोगों से ज्यादा चैट किया जिनके सोशल मीडिया पर ज्यादा फॉलोअर्स हैं. खालिद ने इन लोगों से अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इसे शेयर करने का अनुरोध भी किया. खालिद ने एक साजिश के तहत अपने नैरेटिव को फैलाया.


व्हाट्सएप ग्रुप पर की थी विरोध-प्रदर्शन की अपील


एसपीपी ने अदालत में एक वीडियो क्लिप भी चलाया, जहां एक समाचार पोर्टल की ओर से खालिद के पिता का इंटरव्यू लिया जा रहा था. एसपीपी ने कहा कि खालिद के पिता ने पोर्टल को बताया कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा नहीं है, इसलिए वे ट्रायल कोर्ट में आए हैं. इस तरह वे (उनके पक्ष में) एक कहानी बना रहे हैं. एसपीपी ने कहा कि खालिद ने एक व्हाट्सएप ग्रुप के सदस्यों से शीर्ष अदालत की एक विशेष कार्यवाही के बाद विरोध प्रदर्शन की योजना बनाने की भी अपील की थी. उन्होंने खालिद की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने अन्य सह-आरोपियों के साथ समानता की मांग की थी, जिन्हें जमानत मिल चुकी है.


दिल्ली में हुए दंगों का मुख्य आरोपी है उमर खालिद


खालिद 2020 में पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे बड़ी साजिश का आरोपी है. उस पर आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे, जबकि 700 से अधिक घायल हुए थे. यह दंगा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ था.


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