नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों और प्रशासन के बीच जारी संघर्ष खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. जेएनयू छात्र संघ 12 दिसंबर से शुरू हो रहे सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार करने की योजना बना रहा है, वहीं जेएनयू ने कहा है कि परीक्षा नहीं देने वाले यहां के छात्र नहीं रहेंगे.


छात्र हॉस्टल की फीस में वृद्धि का विरोध कर रहे हैं. विश्वविद्यालय ने एक आदेश जारी कर छात्रों को आगाह किया है कि वे अकादमिक अध्यादेश और नियमों के अनुसार सेमेस्टर की परीक्षा सहित अपने असाइनमेंट और टेस्ट पूरा करें. इसमें कहा गया है कि नियम के मुताबिक परीक्षा नहीं देने वाले यहां के छात्र नहीं रह जाएंगे.


क्यों हैं JNU में छात्र और प्रशासन आमने-सामने


देश की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्र और प्रशासन कई दिनों से आमने-सामने हैं. विश्वविद्यालय के छात्र फीस वृद्धि और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों के विरोध में यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय ने फीस में जो बढ़ोतरी की है उसे तत्काल वापस लिया जाए.



जेएनयू प्रशासन ने सबसे अधिक वन टाइम सिक्योरिटी चार्ज (रिफंडेबल) फीस में बढ़ोतरी की है. पहले ये फीस 5500 रुपये थी जिसे अब बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर दिया गया है. इसी के साथ सर्विस चार्ज की बात करें तो यह पहले शून्य था लेकिन इसे अब बढ़ाकर 1700 रुपये महीने कर दिया गया है. इसी के साथ रूम रेंट (सिंगल और डबल) दोनों में बढ़ोतरी की गई है. पहले जहां सिंगल रूम का चार्ज 20 रुपये महीना था उसे अब बढ़ाकर 600 रुपये महीना कर दिया गया है. वहीं, दो बेड वाले रूम का किराया जहां पहले 10 रुपये महीना था उसे बढ़ाकर अब 300 रुपये महीना कर दिया गया है.