JNU कैंपस में 'राष्ट्र भक्ति' जगाने के लिए लगे सेना का टैंक, VC ने रखी मांग
‘’हमारे लिए देश की सुरक्षा के लिए सेना के जवानों के बलिदान को याद करने का ये महत्वपूर्ण दिन है. भारतीय सेना के टैंक की मौजूदगी से यूनिवर्सिटी से गुजरने वाले छात्रों को हमेशा भारतीय सेना के त्याग और बहादुरी की याद आती रहेगी.’’
नई दिल्ली: दिल्ली में जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार ने केंद्र सरकार से यूनिवर्सिटी में टैंक लगाने की मांग की हैं. एम जगदीश कुमार ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने अपील की है कि वह यूनिवर्सिटी कैंपस में टैंक लगवाने के लिए उनकी मदद करें.
वीसी जगदीश कुमार ने यह मांग इसलिए की है ताकि छात्रों को सेना के बलिदान से प्रेरणा मिल सके. जेएनयू कैंपस में करगिल विजय दिवस पर आयोजिक एक कार्यक्रम में वीसी जगदीश कुमार ने यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘’हमारे लिए देश की सुरक्षा के लिए सेना के जवानों के बलिदान को याद करने का ये महत्वपूर्ण दिन है. भारतीय सेना के टैंक की मौजूदगी से यूनिवर्सिटी से गुजरने वाले छात्रों को हमेशा भारतीय सेना के त्याग और बहादुरी की याद आती रहेगी.’’
Presence of a Army tank will constantly remind students of great sacrifice & valour of Indian Army & defence forces: Jagdish Kumar, VC JNU pic.twitter.com/AZVY1XwTHc
— ANI (@ANI_news) July 24, 2017
जगदीश कुमार ने बताया, ‘’कैम्पस में टैंक रखवाने का ख्याल उनके जहन में पहली बार तब आया जब पिछले साल 9 फरवरी को यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ती तरफ से राष्ट्र विरोधी नारे लगाने का आरोप लगा था.’’ बता दें कि इन छात्रों पर पुलिस ने देशद्रोह का मुकदमा दायर किया था. इसके बाद देश में काफी हंगामा हुआ था.
करगिल विजय दिवस के इस कार्यक्रम में ध्रमेंद्र प्रधान, वीसी सिंह के अलावा क्रिकेटर गौतम गंभीर, मेजर जनरल जीडी बक्शी और लेखक राजीव मल्होत्रा भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट से कन्वेंशन सेंटर तक 2200 फीट लम्बे तिरंगा के साथ एक तिरंगा यात्रा भी निकाली गई थी.
वहीं, क्रिकेटर गौतम गंभीर ने कहा, ‘’क्रिकेटर या बॉलीवुड अभिनेता नहीं बल्कि सीमा पर तैनात जवान असली हीरो हैं. जेएनयू में होने के नाते मुझे वो वक्त याद आता है जब यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर काफी बातें हो रही थीं.’’ उन्होंने कहा, ‘’अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अच्छी चीज है लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जिनसे समझौता नहीं किया जा सकता. तिरंगे का मान-सम्मान उनमें से एक है.”