नई दिल्ली: जेएनयू हिंसा मामले में पुलिस की जांच पर अब कांग्रेस ने सवाल उठा दिए हैं. कांग्रेस ने सीसीटीवी फुटेज गायब कर दिए जाने का आरोप लगाया. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि छात्रों को पीटा गया उसका कोई जवाभ नहीं है. पुलिस ने जिसको विकास पटेल कहा असल में वो शिव मंडल है. पुलिस की जांच निष्पक्ष नहीं है.


अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस ये मांग करती है कि जेएनयू के वीसी एम जगदीश कुमार के साथ दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को भी हटाया जाए. उन्होंने कहा कि हम लोगों को उम्मीद थी कि पुलिस की जांच में न्याय होगा, दोषियों के नाम बताए जाएंगे. लेकिन जैसे बारात से खाना खा के आराम से निकलते हैं वैसे नकाबपोश निकले. पुलिस की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह लगा गया है. पुलिस भी इस पूरी घटना में शामिल दिख रही है. उन्होंने यहां तक कहा कि जेएनयू घटना में गृहमंत्री की भूमिका की जांच होनी चाहिए.


हमले में वामपंथी छात्र संगठन शामिल थे- प्रकाश जावड़ेकर


दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी आज नौ संदिग्ध की तस्वीर जारी की गई. इसपर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह साफ है कि हमले में वामपंथी छात्र संगठन शामिल थे. उन्होंने कहा कि सीपीआई, सीपीआईएम, आप जैसे दल को लोगों ने लोकसभा चुनाव में खारिज कर दिया. अब वे अपने स्वार्थ साधने के लिए छात्रों का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अब जेएनयू के छात्रों को आंदोलन खत्म कर अकेडमिक सेशन शुरू होने देना चाहिए.


संदिग्धों की लिस्ट में इनके नाम शामिल


पुलिस ने संदिग्धों के नाम बताए और तस्वीर भी जारी की. नौ लोगों के नाम बताए गए हैं. इसमें में से सात लेफ्ट और दो एबीवीपी से जुड़े हुए हैं. नौ लोगों में चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, आईशी घोष (जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष), वास्कर विजय, सुचेता तालुकदार, प्रिया रंजन, डोलन सामंता, योगेंद्र भारद्वाज और विकास पटेल के नाम शामिल हैं. योगेंद्र भारद्वाज और पंकज मिश्रा एबीवीपी से जुड़े हैं.


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