JNU कैंपस में नकाबपोशों ने छात्रों पर किया हमला, अमित शाह ने मांगी रिपोर्ट, प्रियंका गांधी ने घायलों से की मुलाकात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जेएनयू में स्थिति पर दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक से बात की और परिसर में हुई हिंसा की पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से जांच कराने के आदेश दिए. जेएनयू में कम से कम 18 छात्र और प्रोफेसर घायल हुए हैं. नकाबपोश लोगों ने छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया, परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.

ABP News Bureau Last Updated: 05 Jan 2020 11:47 PM
जेएनयू ने कहा कि दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई जा रही है.
जेएनयू ने कहा कि यूनिवर्सिटी के नियमों का उल्लंघन कर शांतिपूर्ण अकादमिक वातावरण को बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह किसी सरकार के बारे में बेहद ही शर्मनाक है कि उसने अपने ही बच्चों पर हिंसा होने दी.
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी और सांसद विजय गोयल जेएनयू के घायल छात्रों से मुलाकात के लिए AIIMS पहुंचे हैं. इससे पहले प्रियंका गांधी ने एम्स जाकर छात्रों से मुलाकात की.
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों पर हुए हमले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल टीम गठित की है. दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इस जांच के आदेश दिए हैं. दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह यह जांच करेंगी. जेएनयू में हुई हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से पूरी जानकारी मांगी है.
जेएनयू में हिंसा के विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में प्रदर्शन हो रहे हैं. छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर भी प्रदर्शन कर रहे हैं.
एम्स में घायल छात्र-छात्राओं से मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि एम्स ट्रॉमा सेंटर में घायल छात्रों ने मुझे बताया कि गुंडों ने परिसर में प्रवेश किया और उन पर लाठी और अन्य हथियारों से हमला किया. कई के हाथ-पैर टूट गए, सिर पर चोट के निशान थे. एक छात्र ने कहा कि पुलिस ने उसके सिर पर कई बार लात मारी.
कैलाश सत्यार्थी ने ट्वीट कर कहा कि विश्वविद्यालयों में बढ़ रही हिंसा, अराजकता और भय के मद्देनज़र, मैं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करता हूं कि वे तुरंत देश भर के विश्वविद्यालयों के छात्र संघों और राष्ट्रीय छात्र संगठनों से सीधा संवाद करें.
जेएनयू में हुई हिंसा की घटना से नाराज छात्रों का झुंड दिल्ली पुलिस के मुख्यालय पहुंच चुका है. सैकड़ों की संख्या में छात्र हिंसा के खिलाफ नारे लगा रहे हैं.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जेएनयू छात्रों और प्रोफेसर के साथ हुई मारपीट की घटना की निंदा की है. उन्होंने पीएमओ को ट्विटर पर टैग कर कहा कि विस्तृत जांच की जानी चाहिए.
एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि JNU में हुई हिंसा अत्यंत चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं परिसर के भीतर हुई हिंसा की निंदा करता हूं. मैं सभी विद्यार्थियों से विश्व विद्यालय की गरिमा और परिसर में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं.
जेएनयू में हुई हिंसा में घायल छात्रों से मिलने के लिए एम्स पहुंची प्रियंका गांधी. एम्स के बयान के मुताबिक, अस्पताल में 18 लोगों को भर्ती कराया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जेएनयू से डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि वह जिस जेएनयू को जानती हैं वह परिचर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के लिए जाना जाता है लेकिन हिंसा के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि वह घटना की निंदा करती हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देश के तमाम विश्वविद्यालयों को छात्रों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाना चाहती है.
जेएनयू हिंसा पर ममता बनर्जी ने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है. दिनेश त्रिवेदी की अगुवाई में टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल विद्यार्थियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए दिल्ली रवाना.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जेएनयू परिसर के भीतर फ्लैग मार्च किया जा रहा है, स्थिति नियंत्रण में है. एम्स के मुताबिक, जेएनयू से 18 घायलों को लाया गया है.
स्वराज अभियान के प्रमुख योगेंद्र यादव पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर के बाहर रविवार को कथित तौर पर हमला किया गया. साथ ही, विश्वविद्यालय परिसर में शाम में जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी के सदस्यों के बीच झड़प हुई. यादव ने कहा कि वहां गुंडागर्दी को रोकने के लिए कोई नहीं था और उन्हें मीडिया से बात नहीं करने दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मी वहां खड़े थे लेकिन कुछ नहीं कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘यदि पुलिस डरी हुई है तो वह अपनी वर्दी उतार सकती है.’’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर कहा, ''मैंने जो कुछ भी जेएनयू में हुआ है उसकी तस्वीर देखी. हिंसा की निंदा करता हूं. यह पूरी तरह से विश्वविद्यालय की परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है.''
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू परिसर में स्थिति पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से तत्काल रिपोर्ट मांगी है. एचआरडी अधिकारी ने कहा कि हमने जेएनयू परिसर में शांति सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ ही पुलिस अधिकारियों से बात की.

बैकग्राउंड

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) परिसर में नकाबपोश लोगों ने घुसकर हमला किया. हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष, कई प्रोफेसर समेत 18 छात्र घायल हो गए. छात्र संघ ने दावा किया कि उसकी अध्यक्ष आईशी घोष और कई अन्य छात्र एबीवीपी सदस्यों द्वारा किए गए पथराव में चोटिल हो गए. वहीं एबीवीपी ने वामपंथी छात्रों पर मारपीट का आरोप लगाया है.


 


इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से बात की और मामले की जानकारी ली. साथ ही उन्होंने आईजी स्तर के अधिकारी से मामले की जांच करा कर रिपोर्ट देने को कहा है.


 


जेएनयू प्रशासन और पुलिस ने क्या कहा?
इस घटना को लेकर जेएनयू प्रशासन ने कहा कि लाठी-डंडे लिए नकाबपोश शरारती तत्व आस-पास घूम रहे हैं, संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमला कर रहे हैं; कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिए पुलिस बुलाई गई है. वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दो दिनों से दो समूहों के बीच तनाव चल रहा था. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुरोध पर पुलिस ने आज परिसर में प्रवेश किया है.


 


CM केजरीवाल ने किया ट्वीट
कैंपस में हुई मारपीट को लेकर कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और वामदलों ने प्रशासन को घेरा है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ''नकाबपोश लोगों ने जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर क्रूर हमला किया है. कई गंभीर रूप से घायल हैं. चौंकाने वाली बात है. नीडर छात्रों की आवाज़ से फासीवादी शक्ति डरी हुई है. जेएनयू में आज की हिंसा उसी डर का प्रतिबिंब है.''


 


दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ''जेएनयू में हुई हिंसा को जानकर मैं बहुत हैरान हूं. छात्रों पर बेरहमी से हमला किया गया. पुलिस तुरंत हिंसा को रोके और शांति बहाल करे. देश कैसे आगे बढ़ेगा अगर हमारे छात्र यूनिर्सिटी कैंपस के अंदर सुरक्षित नहीं रहेंगे?''


 


उन्होंने कहा, ''उपराज्यपाल से मैंने बात की है और पुलिस से कार्रवाई के लिए अनुरोध किया. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं.''


 


ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, ''हम JNU में छात्रों / शिक्षकों के खिलाफ बर्बरता की कड़ी निंदा करते हैं। ऐसे जघन्य घटना का वर्णन करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं. हमें लोकतंत्र पर शर्म आती है.''


 


कांग्रेस का बयान
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''मोदी जी और अमित शाह जी की आख़िर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फ़ीस वृधि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी सविंधान पर हमले का विरोध हो तो छात्रों की पिटाई. आज जवाहर लाल नेहरू में हिंसा का नंगा नाच हो रहा है और वो भी सरकारी संरक्षण में!''


 


छात्र संघ का दावा
जेएनयू छात्र संघ ने दावा किया कि एबीवीपी के सदस्य नकाब पहनकर परिसर में लाठियां, रॉड लेकर घूम रहे थे. छात्र संघ ने आरोप लगाया, ‘‘वे ईंट पत्थर फेंक रहे थे. छात्रावासों में घुसकर छात्रों को पीट रहे थे. कई शिक्षक की भी पिटाई की गयी.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि बाहरी लोगों को परिसर में घुसने की अनुमति दी गयी और वे लड़कियों के हॉस्टलों में भी घुस गये.


 


एबीवीपी का दावा
उधर, एबीवीपी ने दावा किया कि वामपंथी छात्र संगठनों एसएफआई, आईसा और डीएसएफ के सदस्यों ने उन पर बुरी तरह हमला किया. उसने कहा, ‘‘हमले में करीब 25 छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये और 11 छात्रों का अतापता नहीं है. छात्रावासों में कई एबीवीपी सदस्यों पर हमले हो रहे हैं तथा वामपंथी गुंडे छात्रावासों में तोड़फोड़ कर रहे हैं.’’

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