JNU में बवाल: राहुल गांधी, पी चिदंबरम सहित इन नेताओं ने हिंसा की निंदा की
जेएनयू में कुछ नकाबपोश लोगों ने छात्रों और प्रोफेसर के साथ मारपीट की है. अब इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है. पक्ष और विपक्ष की तरफ से राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में नकाबपोश लोगों ने छात्रों और प्रोफेसर के साथ मारपीट की है. एम्स के मुताबिक, इलाज के लिए 18 लोगों को लाया गया है. मारपीट में जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष भी घायल हुई हैं. जेएनयू परिसर में रविवार शाम हिंसा भड़कने के बाद जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रमोद कुमार ने कहा, ‘‘पूरे जेएनयू समुदाय के लिए अत्यावश्यक संदेश है और परिसर में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो गयी है. लाठियों से लैस कुछ नकाबपोश उपद्रवी आसपास घूम रहे हैं, संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं और लोगों पर हमले कर रहे हैं. जेएनयू प्रशासन ने व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को बुलाया है.’’
जेएनयू में हिंसा की विपक्षी दलों ने निंदा की है और प्रशासन से शांति स्थापित करने के लिए कहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी और अन्य विपक्षी नेताओं ने हिंसा की घटना के सामने आने के बाद केंद्र पर निशाना साधा है. वहीं सत्ता पक्ष के नेताओं ने भी हिंसा पर चिंता जताई है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी, विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत अन्य नेताओं ने ट्वीट किया है. राहुल गांधी ने कहा कि देश की सत्ता पर काबिज फासीवादी लोग बहादुर छात्रों की आवाज़ से डरते हैं. जेएनयू में आज की हिंसा उसी डर को दिखाती है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जेएनयू में क्या कुछ हो रहा है उसकी तस्वीरें वो देख चुके हैं. विदेश मंत्री ने कहा कि वह हिंसा की वह निंदा करते हैं और यह जो कुछ हुआ है वह विश्वविद्यालय के परंपरा के खिलाफ है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जेएनयू से डरावनी तस्वीरें सामने आ रही हैं. उन्होंने कहा कि वह जिस जेएनयू को जानती हैं वह परिचर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के लिए जाना जाता है लेकिन हिंसा के लिए नहीं. उन्होंने कहा कि वह घटना की निंदा करती हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देश के तमाम विश्वविद्यालयों को छात्रों के लिए एक सुरक्षित स्थान बनाना चाहती है.
राहुल गांधी बोले-
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुई हिंसा की घटना पर निराशा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह उस डर को दिखाती है जो “हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को” छात्रों से लगता है. उन्होंने ट्वीट किया, “नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर किया गया नृशंस हमला चौंकाने वाला है जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें, बहादुर विद्यार्थियों की आवाज से डरती हैं. जेएनयू में आज हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है.”
पी चिदंबरम ने लगाया ये बड़ा आरोप
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने इस मामले पर सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर ये घटना लाइव टीवी पर हो रहा है तो जो इसे अंजाम दे रहे हैं उसे किसी चीज का भय नहीं है और ये काम बिना सरकार के समर्थन के नहीं हो सकता है.
ममता बनर्जी का बयान
इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि जेएनयू में विद्यार्थियों, शिक्षकों के खिलाफ की गई क्रूरता की कड़ी निंदा करती हूं. ऐसी नृशंस कार्रवाई को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं.
अरविंद केजरीवाल बोले
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘उपराज्यपाल से बात की और उनसे अनुरोध किया कि व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को निर्देश दें. उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं और सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जेएनयू में हिंसा के बारे में जानकर स्तब्ध हूं. छात्रों पर बुरी तरह हमले किये गये. पुलिस को फौरन हिंसा रोकनी चाहिए तथा शांति बहाल करनी चाहिए. अगर विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे प्रगति करेगा.’’
मनोज तिवारी बोले
मनोज तिवारी ने कहा, ''जनादेश द्वारा ठुकरा दिए गए और जनाधार वहींन राजनीतिक दलों और नेताओं की हताशा विश्वविद्यालयों में हिंसा के रूप में सामने आ रही है. JNU में हुई हिंसा कि हम कड़ी निंदा करते हैं..इस बात की स्वतंत्र और निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.''