JNU Entrance Exam: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अपना एंट्रेंस एग्जाम हो इस मुख्य मांग को लेकर आज JNUSU (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ) ने कुलपति शांतिश्री पंडित से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा को पहले की तरह लागू करने की मांग की है.


दरअसल, JNU के छात्र NTA की ओर से आयोजित NET (National Eligibility Test) की प्रवेश परीक्षा नही देना चाहते हैं. इसके पीछे मुख्य कारण ये हैं कि NET का सिलेब्स अलग होता है और JNU शोध का सिलेब्स अलग होता है. 


क्यों प्रवेश परीक्षा नही देना चाहते छात्र?


जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (JNUEE) में मौके ज्यादा होते हैं. जिससे एक साथ छात्र कई एग्जाम दे सकते थे, जो अब NTA के NET में नही दे सकते. पहले ये एग्जाम NTA द्वारा आयोजित एग्जाम से बहुत सस्ता होता था. फीस केवल 200- 250 रुपए होती थी, जो NTA अब 1000 या 1600 तक वसूल रहा है.


क्या बोले JNUSU के प्रेसिडेंट धनंजय?


JNUSU के प्रेसिडेंट धनंजय ने कहा कि NTA द्वारा जो एग्जाम कराया जा रहा है, उससे पूरे देश के छात्र प्रताड़ित हैं. NET के जरिए PhD के छात्र लिए जाएं ये जिद क्यों है? जिस तरह एग्जाम का तरीका JNUEE ( जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एंट्रेंस एग्जाम) का था, वैसे ही दोबारा होना चाहिए. इससे छात्रों को कई फायदे होते थे.


उन्होंने आगे कहा कि पहले ये एग्जाम NTA द्वारा आयोजित एग्जाम से बहुत सस्ता होता था. फीस केवल 200- 250 रुपए होती थी, जो NTA अब 1000 या 1600 तक वसूल रहा है. साथ ही सेंटर कहीं दूर नहीं पड़ते थे. तीसरा सबसे मुख्य कारण आप सिर्फ एक सब्जेक्ट नही बल्कि कई सब्जेक्ट में एग्जाम दे सकते थे. NTA के एग्जाम में एक ही सब्जेक्ट चुनना होता है. हमारी मांग पूरी नहीं होती तो राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करेंगे. 


परीक्षा महंगी होने पर उठाए सवाल


JNUSU के वाइस प्रेसिडेंट अभिजीत ने कहा कि प्राइवेटाइजेशन के तहत ऑटोनॉमस बॉडी NTA बनी है और यही जड़ धांधली की है. लेकिन जब यूनिवर्सिटी का अपना एग्जाम होता है तो ऐसी कोई घटना सामने नही आती थी. NTA के कई बार प्रश्न गलत तक आए हैं, ऐसा कभी JNUEE में नही हुआ है. SC/ST/OBC NTA के कई एग्जाम नही दे पाते, क्योंकि ये एग्जाम बहुत महंगा है. वहीं यूनिवर्सिटी का अपना एग्जाम बहुत सस्ता होता है. देश की कई यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन से हमारी इस बारे में बात हुई है.


कुलपति के सामने रखी ये मांग


JNUSU के ज्वाइन सेक्रेटरी मोहम्मद साजिद ने कहा, ''कुलपति से हमारी दो बार मुलाकात हुई है और उनके सामने हमने JNUEE रखने की मांग की है. पुराना पैटर्न 2018 तक लागू था, जिसके बाद 2019 से NTA एग्जाम करा रहा है. रियर्च का पेपर सब्जेक्टिव होना चाहिए, ऑब्जेक्टिव नही होना चाहिए. ये भी मांग है. JNU ने चार बार एग्जाम पैटर्न बदला है.


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