नई दिल्ली: जेएनयू छात्र संघ चुनाव में एक बार फिर लाल झंडे ने बाजी मारी है. AISA, SFI, DSF के वाम गठबंधन ने चारों सीटों पर जीत हासिल की. RSS का छात्र संगठन ABVP दूसरे और दलित विचारधारा वाली BAPSA तीसरे स्थान पर रहे. हालाँकि दूसरे और तीसरे स्थान का अंतर बेहद मामूली रहा. अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों पद पर लड़कियों ने जीत हासिल की है.



अध्यक्ष पद पर AISA की गीता कुमारी ने 464 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की. उन्हें 1506 जबकि ABVP की निधि त्रिपाठी को 1042 वोट मिले. गीता इतिहास से Mphil कर रही है. हरियाणा की रहने वाली है. उसके पिता भारतीय सेना में हैं.

उपाध्यक्ष पद पर AISA की ही सुमोन जोया खान, महासचिव के पद पर SFI के दुग्गिराला श्रीकृष्णा और संयुक्त सचिव के पद पर DSF के सुभांशु ने जीत दर्ज की. कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI का प्रदर्शन बेहद बुरा रहा और उसके उम्मीदवारों को नोटा से भी कम वोट मिले. अध्यक्ष पद पर तीनों मुख्य संगठनों की लड़ाई के बाद चौथे स्थान पर रहे निर्दलीय फारुख आलम जिन्होंने अध्यक्षीय वाद-विवाद में अपने भाषण से सभी पार्टियों को पानी पिला दिया था. वहीं अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रही AISF की अपराजिता राजा को पांचवें स्थान से संतोष करना पड़ा. अपराजिता CPI नेता डी राजा की बेटी हैं.

जीत के बाद छात्र नेताओं ने कहा कि वो छात्रों के हित में काम करेंगे. उन्होंने कहा कि JNU के छात्रों ने JNU प्रशासन की नीतियों और साम्प्रदायिक राजनीति के खिलाफ वोट दिया है. वहीं ABVP का कहना है कि उन्हें हराने के लिए तीन संगठनों को गठबंधन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. ABVP का कहना है कि नतीजों से साफ है कि वो JNU का सबसे बड़ा छात्र संगठन है. बहरहाल JNU की हार का असर 12 तारीख को होने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव पर भी पड़ सकता है जहां ABVP का मुकाबला NSUI से है.