नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीए) बीते दिन दोपहर 3 बजे अपनी केवल एक मांग को लेकर एमएचआरडी से मिलने गए. जेएनयूटीए के सेक्रेट्री सुरजीत मजूमदार ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, "हमारी सिर्फ एक मांग है, वीसी को हटाओ , जेएनयू बचाओ "
जेएनयूटीए ने स्टेटमेंट जारी करते हुए जानकारी दी है कि 5 जनवरी को हुई हिंसा में कुछ अध्यापकों को साजिश के तहत निशाना बनाया गया था. अब अध्यापक अपने आप को और अपने परिवारों कि सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और अंदेशा जताते हैं कि आगे आने वाले दिनों में असुरक्षा का माहौल और बढ़ सकता है, अगर कुलपति को बर्खास्त नहीं किया गया!
कुलपति और प्रशासन के चाहने के अनुसार अध्यापक इस बात का नाटक नहीं कर सकते कि जेएनयू में स्तिथि सामान्य हो गई हैं. अध्यापक कोर्स को पूरा कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं, पुराने सेमेस्टर की पढ़ाई के साथ साथ नए सेमेस्टर के कोर्स को पढ़ाया जाएगा लेकिन जेएनयू में स्तिथि का सामान्य होना अनिवार्य है. कुलपति और प्रशासन के दिशा अनुसार ऐसा नहीं किया जा सकता क्योंकि हमारा विश्वास उनसे खत्म हो गया है. एमएचआरडी ने हमारी मांगों और चिंताओं पर विचार करने का वादा दिया है. हांलांकि अध्यापकगढ़ कुलपति द्वारा दिए गए निर्देशों और ' सलाहकार ' का पालन नहीं करेंगे.
JNUTA ने एक फाइल एमएचआरडी को जमा की है जिसमें अक्टूबर 2017 में जेएनयू वीसी पर लगाए गए 7 इल्जामों को सबूतों के साथ पेश किया गया है. इनमे से कुछ इल्ज़ाम हैं - संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना करना, फैकल्टी के सिलेक्शन प्रोसेस में परेशानियों डालना, दाखिला प्रक्रिया में भारी गलतियां करना- जिस वजह से बड़ी संख्या में सीट कट हुए था, नजीब नाम के छात्र के गुमशुदा होने पर कठोर रवैया दिखाना इत्यादि. JNUTA ने पत्र में आगे लिखा,'' हमें उन लोगों से अपने कर्तव्यों के विषय में उनसे नहीं जानना है जो खुद उच्च संस्थान में गुंडागर्दी कर आतंक फैलाते हैं और संचालन करने का ढोंग करते हैं.''