Jodhpur News: जोधपुर पुलिस बुधवार को एक दिहाड़ी मजदूर के शव को कूड़े गाड़ी में लेकर हॉस्पिटल पहुंच गई. इस मजदूर को एक बस ने रौंद डाला था. पुलिस के इस कारनामे से वहां से गुजर रहे लोग शॉक्ड रह गए और उन्होंने इस घटना को मोबाइल में कैद कर लिया. इसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो के सामने आने से राजस्थान मानवाधिकार आयोग (Rajasthan State Human Rights Commission) ने इस पर एतराज जताया. पुलिस ने भी इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
जोधपुर पुलिस के मुताबिक बिलारा के रहने वाले देवेन्द्र प्रजापति दिहाड़ी मजदूर का काम करते थे. मंगलवार की रात वह बरकतउल्हा स्टेडियम के नजदीक एक सिटी बस के नीचे सो गए. बुधवार की सुबह इस बात से अनजान बस के ड्राइवर ने उनके ऊपर बस चला दी.जोधपुर पुलिस ने बताया कि इससे पीड़ित बस के पहियों के नीचे बुरी तरह कुचल गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. जब लोगों ने मजदूर की डेड बॉडी देखी तो उन्होंने पुलिस को सूचित किया और आनन-फानन में पुलिस वहां पहुंच गई, लेकिन एम्बुलेंस बुलाने की जगह पुलिस ने घरों से कूड़ा उठाने वाली गाड़ी को रोककर उसमें डेड बॉडी डाली और हॉस्पिटल के लिए रवाना हो गई.
पुलिस करती रही इंकार, वीडियो क्लिप से हुआ इकरार
पहले जोधपुर पुलिस शव को कूड़े गाड़ी में ले जाने की बात को सिरे से नकारती रही, कुछ लोगों ने पुलिस को कूड़े गाडी में मजदूर का शव ले जाते हुए देखकर इसका वीडियो बना लिया. हालांकि हालांकि बाद में सोशल मीडिया पर वीडियो आने से पुलिस ने जांच के आदेश जारी की हैं. इस मामले की जांच प्रताप नगर के एसीपी प्रेम ढांडे को सौंपी गई हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृहनगर में हुई इस घटना से लोग खासे नाराज़ है. पुलिस की लापरवाही से राजस्थान मानवाधिकार आयोग (RHRC) भी नाखुश हैं. इस घटना के सोशल मीडिया में वायरल होने से जोधपुर पुलिस कार्रवाई करने को मजबूर हुई.
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