Joe Biden Meets Narendra Modi in G-20 Summit: इंडोनेशिया (Indonesia) के बाली (Bali) में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन (G-20 Summit) में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की कुर्सियां अगल-बगल लगी हैं. 


सम्मेलन में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति की गर्मजोशी का एक वीडियो सामने आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति चलकर पीएम मोदी के पास हाथ मिलाने के लिए आते दिख रहे हैं. पहले तो पीएम मोदी उन्हें आता हुआ नहीं देख पाए लेकिन जैसे ही देखा तो हाथ मिलाते हुए उनसे गले मिले. इस दौरान दोनों के बीच कुछ बातचीत हुई और वे हंस पड़े. 


इमैनुएल मैक्रों ने पहले पीएम मोदी से मिलाया हाथ


विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल पीछे खड़े यह सब देख रहे थे. डोवाल हंस रहे थे और जयशंकर धीरे से मुस्करा रहे थे. बाइडेन ने डोवाल और जयशंकर की तरफ देखा, शायद वह अपनी कुर्सी के बारे में पूछ रहे थे. विदेश मंत्री जयशंकर ने इशारा किया कि कुर्सी आगे लगी है. इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों आए और उन्होंने पहले पीएम मोदी से हाथ मिलाया और फिर बाइडेन से. 


मोदी-बाइडेन की इस गर्मजोशी के मायने क्या?


इस वीडियो की समीक्षा पीएम मोदी के बढ़े हुए रुतबे और भारत की विश्व पटल पर मजबूत धाक के रूप में हो रही है. अमेरिका दुनिया में सबसे ताकतवर देश माना जाता है तो भारत को सबसे बड़े लोकतंत्र के तौर पर देखा जाता है. पीएम मोदी पिछले आठ वर्षों से 140 करोड़ की आबादी वाले लोकतांत्रिक देश भारत का प्रतिनिधित्व सफलतापूर्वक कर रहे हैं, यह देख विश्व के नेता प्रमुखता से उनकी आव-भगत करते हैं. ट्रंप शासन के दौरान एक बार पीएम मोदी अमेरिका गए थे तब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में उनका बेसब्री से इंतजार करते हुए नजर आए थे. 


वर्तमान गर्मजोशी का यह वीडियो इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत ने कई मुद्दों पर अमेरिका से इतर लाइन अपनाई है. रूस-यूक्रेन युद्ध पर जब अमेरिका ने दुनिया के सभी देशों से पुतिन का विरोध करने की उम्मीद की तो भारत ने तटस्थ रुख दिखाया. यहां तक कि अमेरिका और अन्य देशों की ओर से रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में किसी प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इस सबके बावजूद बाइडेन-मोदी की खुशमिजाजी का वीडियो लोकाचार की औपचारिकता से परे एक मजबूत भारत की बानगी पेश करता है.






रूस-यूक्रेन युद्ध पर पीएम मोदी का बयान


जी-20 शिखर सम्मेलन में इससे पहले पीएम मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि दुनिया को यूक्रेन युद्ध में कूटनीति के रास्ते तलाश करने होंगे. उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध ने जब दुनिया में तबाही मचाई तो उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने के गंभीर प्रयास किए, अब हमारी बारी है.


भारत जी-20 समूह के अध्यक्षता संभालने के लिए तैयार है. दुनिया के 85 फीसदी सकल घरेलू उत्पाद और 75 फीसदी व्यापार का प्रतिनिधित्व जी-20 समूह में शामिल देश करते हैं. भारत अगले वर्ष जी-20 सम्मेलन की मेजबानी करेगा. 


भारत की मेजबानी को लेकर पीएम मोदी ने क्या कहा?


पीएम मोदी ने कहा, ''मुझे विश्वास है कि अगले वर्ष जब जी-20 की बैठक बुद्ध और गांधी की पवित्र धरती पर होगी तो हम सभी दुनिया को शांति का एक मजबूत संदेश देने के लिए सहमत होंगे.'' विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मोदी और बाइडन ने महत्वपूर्ण और उभरती तकनीक जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग समेत भारत-अमेरिका साझेदारी को प्रगाढ़ करने की समीक्षा की है.


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