Corona Vaccination: हैदराबाद स्थित दवा कंपनी बायोलॉजिकल ई लिमिटेड द्वारा निर्मित जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की सिंगल-शॉट कोविड वैक्सीन अगले महीने अक्टूबर तक भारतीय बाजार में आ सकती है. अगस्त की शुरुआत में जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन को भारत में डीसीजीआई ने इमरजेंसी यूज ऑथराइजेशन दिया था. भारत में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को देने की अनुमति मिली है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन की सुरक्षा और गुणवत्ता का परीक्षण किया जा रहा है. अगर सब कुछ सुचारू रूप से चला तो अगले महीने तक टीकाकरण अभियान के लिए टीका उपलब्ध होने की संभावना है. बस डीसीजीआई से कुछ सामान्य प्रक्रियाएं पूरी होने का इंतजार है.
अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना की सिंगल डोज वैक्सीन है. ये सिंगल डोज कोविड वैक्सीन गंभीर बीमारी के खिलाफ 85 फीसदी प्रभावी थी और अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु से सुरक्षा प्रदान करती थी. इस वैक्सीन का दो साल तक -4 डिग्री फारेनहाइट (-20 डिग्री सेल्सियस) पर स्थिर रहने का अनुमान है और अधिकतम 4.5 महीने 2 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस के नियमित तापमान पर स्थिर रहती है.
क्या बच्चों के लिए कारगर है ये वैक्सीन
क्या बच्चों में ये वैक्सीन सेफ है और कारगर है. ये देखने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन ने भारत में 12 से 17 साल के बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल करने के लिए सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के पास से अनुमति मांगी है. जॉनसन एंड जॉनसन ने 17 अगस्त को सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के पास 12 से 17 साल के बच्चों में वैक्सीन ट्रायल की अनुमति मांगी थी.
भारत में पहले कोविशील्ड, कोवैक्सिन, स्पुतनिक वी और मॉडर्न की वैक्सीन मंजूरी दी गई थी. इसके बाद जायडस कैडिला के ZyCoVD और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को अनुमति दी गई. अब तक तीन वैक्सीन कंपनियों को बच्चों पर ट्रायल करने की अनुमति मिली है. Zydus Cadila की ZyCoV-D, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और नोवावैक्स को अनुमति मिल चुकी है.
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