Farmers Protest: 26 जनवरी को होने वाली किसान परेड को लेकर आपके हर सवाल का जवाब यहां जानें
दिल्ली पुलिस के रोहिणी जिले के अतिरिक्त उपायुक्त जितेंद्र मीणा व अन्य अधिकारी भी इस बैठक में शामिल थे.
नई दिल्लीः किसान आंदोलन का आज 55वां दिन है. किसानों और सरकार के बीच कृषि कानून पर सहमति बनाने को लेकर लगातार बातचीत चल रही है. इस बीच दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर संयुक्त किसान मोर्चा के दफ्तर पहुंचे. इस दौरान दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत चली. दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर एसएस यादव सोमवार शाम लगभग 6 बजकर 5 मिनट पर सिंघु बॉर्डर से आगे कुंडली पर स्थित संयुक्त किसान मोर्चा के दफ्तर पहुंचे. जहां लगभग एक घण्टे तक किसान नेताओ और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच बैठक हुई.
दिल्ली पुलिस के रोहिणी जिले के अतिरिक्त उपायुक्त जितेंद्र मीणा व अन्य अधिकारी भी इसमें शामिल थे. बैठक के बाद जब जॉइंट कमिश्नर एसएस यादव बाहर निकले तो उन्होंने कहा कि वह रूटीन मुलाकात करने आये थे. किसान परेड को लेकर कोई बात नहीं की.
उन्होंने कहा कि सिंघु बॉर्डर मेरे इलाके में आता है, इसलिए मैं समय समय पर किसान नेताओं से यहां के बारे में बात करता हूं, साफ सफाई व अन्य व्यवस्था को लेकर. ये बात कह कर वे चले गए. हालांकि किसान नेताओ ने यह बात मानी की बैठक में किसान परेड को लेकर चर्चा हुई थी और मंगलवार सुबह 9 बजे एक बार फिर से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक होगी.
चढूनी का निलंबन वापस
किसान आंदोलन में सोमवार का दिन विवाद के नाम रहा इंसान संयुक्त मोर्चा के 2 बड़े नेता गुरनाम सिंह चढूनी और शिवकुमार कक्का के बीच विवाद शाम को उस समय खत्म हुआ, जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी गई कि गुरनाम सिंह के खिलाफ कमेटी की जांच समाप्त हो गई है और उनका निलंबन खत्म कर दिया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि वह लिखित में यह आश्वासन दे चुके हैं की उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं है और आने वाले समय में भी वे किसी भी राजनीतिक दल से किसान आंदोलन को लेकर कोई संपर्क नहीं करेंगे. हालांकि किसान नेताओं ने यह बात भी मानी कि इस आंदोलन की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए समझौता करना जरूरी है, क्योंकि छोटी मोटी तकरार या फिर किसी के मतभेद से बड़ा हमारा लक्ष्य है और उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें समझौता करना पड़ेगा.
किसने क्या कहा
किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक सोमवार सुबह से चल रही थी जो शाम को समाप्त हुई और शाम को लगभग 7:00 बजे मोर्चे के नेता मोर्चे के संयुक्त कोर कमेटी के सदस्य योगेंद्र यादव, हनान मौला, जगजीत सिंह दलेवाल, शिवकुमार कक्का दर्शनपाल सिंह आदि ने इस बात का ऐलान किया कि रविवार को गुरनाम सिंह सलोनी को लेकर जो 7 सदस्य कमेटी गठित की गई थी, उसकी जांच पूरी कर ली गई है. गुरनाम सिंह चढूनी ने लिखित में यह आश्वासन दिया है कि वह किसी भी राजनीतिक दल से कोई संपर्क नहीं करेंगे और न ही किसी भी राजनीतिक दल से कोई मदद मांगेंगे.
योगेंद्र यादव ने बताया कि रविवार को जो बात सामने आई थी कि गुरनाम सिंह चढूनी ने राजनीतिक दलों के साथ संपर्क किया है और इस किसान आंदोलन में उन्हें शामिल होने के लिए कहा है. इसके बाद उनके खिलाफ एक जांच शुरू की गई थी, जिसके समय अवधि 3 दिन थी. लेकिन वह जांच 24 घंटे के अंदर ही पूरी कर ली गई है. खुद गुरनाम सिंह ने लिखित में यह कहा है कि न तो वह किसी राजनीतिक दल से कोई संपर्क रखते हैं और न ही आने वाले समय में किसी भी दल से कोई बात करेंगे. उनकी इस बात के साथ ही यह जांच पूरी कर ली गई है और कल से वे भी हमारे साथ संयुक्त मोर्चा की कोर कमेटी की बैठक में शामिल होंगे.
निलंबन वापस लिया
संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमिटी के सदस्य दर्शनपाल सिंह ने बताया कि गुरनाम सिंह चढूनी का निलंबन वापस ले लिया गया है. उनके खिलाफ जो जांच शुरू की गई थी, वो अब पूरी कर ली गयी है. उनका किसी भी राजनीतिक दल से कोई लेना देना नहीं है और न ही वह इस आंदोलन में किसी भी राजनीतिक दल को शामिल होने के लिए कहेंगे. मंगलवार से वह संयुक्त किसान मोर्चा की कोर कमिटी की बैठक में शामिल होंगे. इतना ही नहीं कल केंद्र सरकार के साथ जो बैठक होनी है, उसमें भी वे शामिल होंगे.
मतभेद हो सकते हैं, मनभेद नहीं - शिव कुमार कक्का
किसान नेता व किसान संयुक्त मोर्चा की कोर कमिटी के सदस्य शिव कुमार कक्का ने अपने और गुरनाम सिंह चढूनी के बीच हुए विवाद पर कहा कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए. किसान आंदोलन के लिए एकता जरूरी है. चढूनी की तरफ से लिखित में यह बात कह दिया गया है कि वह अब किसी भी राजनीतिक दल से इस आंदोलन को लेकर कोई बात नहीं करेंगे. रविवार को उनके खिलाफ जो जांच बैठाई गयी थी, उसकी अध्यक्षता मैं ही कर रहा था, इसलिए हो सकता है कि गुरनाम सिंह चढूनी ने मुझ पर गलत आरोप लगाया. शिव कुमार कक्का ने यह भी कहा कि समाचार पत्र में जो भी बात उनके नाम से प्रकाशित किया गया है, वह तथ्य हीन है. उन्होंने यह भी कहा कि वह आरएसएस से सीधे तौर पर कभी नहीं जुड़े हैं.
दिल्ली पुलिस को किसान गणतंत्र परेड की दी जानकारी
योगेंद्र यादव और शिव कुमार कक्का ने बताया कि दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर एसएस यादव के साथ बेहद ही औपचारिक बात हुई. हमने उन्हें स्पष्ट किया कि 26 जनवरी को किसान परेड निकालेंगे, जो शांति पूर्ण होगी और आउटर रिंग से निकाली जायेगी. उन्हें यह पूछा था कि आप लोग 26 जनवरी को क्या करने जा रहे हैं? तब हमने उन्हें बताया. हमसे जानकारी मिलने पर उन्होंने कहा कि वह इस पर खुद कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं. जिसके बाद मंगलवार सुबह 9 बजे एक बार फिर से बैठक करने की बात तय हुई है.
मैं किसान मोर्चा के साथ बैठक में रहूंगा शामिल : चढूनी
रविवार को हुए विवाद के बाद आज किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि वह किसान संयुक्त मोर्चा के साथ हैं और इस किसान आंदोलन का हिस्सा है. चढूनी ने कहा कि उन्होंने जो पत्र लिखा था उसमें किसी भी राजनीतिक दल को इस आंदोलन में शामिल होने की बात नहीं कही थी.
शिव कुमार कक्का को लेकर कहा कि उन्होंने मेरे ऊपर बहुत बड़ा आरोप लगाया है. वे अगर इंकार करते हैं कि उन्होंने ऐसी कोई बात सार्वजनिक तौर पर नहीं कही है तो उसे साबित करके दिखाएं. किसान आंदोलन की एकता के लिए मैं संयुक्त किसान मोर्चे के साथ हूँ और केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक में भी शामिल होऊंगा.चढूनी ने यह भी कहा कि किसान परेड निकलेगी और अगर पुलिस ने बैरिकेड लगा कर रोका तो हम बैरिकेड तोड़ देंगे.
चढूनी ने अपनी गलती मानी- जगजीत सिंह दल्लेवाल
जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि चढूनी ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे पत्र में एक लाइन लिख दी थी कि मैं इस किसान आंदोलन को यहाँ तक ले आया हूँ, इससे आगे ले जाने का काम आप करो. इस पर किसान संयुक्त मोर्चे को एतराज था क्योंकि यह लड़ाई किसानों की है, इसमें किसी राजनीतिक दल को शामिल नहीं करना. आज उन्होंने लिखित में यह बात कही है कि वे किसी भी राजनीतिक दल को इस किसान आंदोलन में नहीं बुलाएंगे और न ही किसी राजनीतिक दल से मदद मांगेंगे. जिसके बाद उनका निलंबन वापस ले लिया गया है.
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